अब जंगली जानवरों के हमलों से प्रभावित परिवारों को 24 घंटे के भीतर मिलेगी सहायता राशि और मुफ्त इलाज

बेंगलुरु (कर्नाटक)

कर्नाटक सरकार ने वन्यजीवों के हमलों से प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिसमें अब प्रदेश मे जंगली जानवरों के हमलों से प्रभावित परिवार को 24 घंटे के भीतर सहायता राशि और मुफ्त इलाज देने का आदेश दिया गया है। यह महत्वपूर्ण निर्णय प्रदेश मे मानव-वन्यजीव संघर्ष के बढ़ते मामलों मे पीड़ितों को तुरंत सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।

क्या दिया गया है निर्देश

कर्नाटक मे अक्सर मानव-वन्यजीव संघर्ष से जुड़ी घटनाएं देखने को मिलती है। वन क्षेत्र होने के कारण राज्य मे मानव और जंगली जानवर मे टकराव आम बात है। इसी समस्या पर समाधान निकालते हुए राज्य सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए कई निर्देश दिए-:

24 घंटे के भीतर दी जाएगी सहायता राशि- इस फैसले मे ज़िला कलेक्टरों और वन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जंगली जानवरों के हमले में घायल हुए व्यक्ति या उसके परिजन को 24 घंटे के भीतर प्रारंभिक मुआवज़ा राशि देना अनिवार्य है।

मुफ्त इलाज- घायलों को सभी सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ सरकार द्वारा अधिसूचित निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।

बढ़ाई गई मुआवज़े की राशि- सरकार ने हमले में हुई मौतों के लिए मुआवज़ा राशि 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी है।

सरल होगी प्रक्रिया- पीड़ितों और उनके परिवारों को मुआवज़े के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें, इसके लिए अधिकारियों को प्रक्रिया सरल बनाने और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है।

मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने मे मिलेगी मदद

यह कदम कर्नाटक के कई हिस्सों, विशेषकर चिकमंगलुरु जैसे जिलों में हाल ही में जंगली जानवरों के हमलों में लोगों की जान गई है, किसानों और स्थानीय निवासियों के विरोध और प्रदर्शनों के बाद उठाया गया है। सरकार ने मानव-पशु संघर्ष को प्राकृतिक आपदा घोषित करने के आग्रह पर भी विचार करने की बात कही है। इन निर्देशों का उद्देश्य प्रभावित परिवारों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना और यह सुनिश्चित करना है कि आपात स्थिति में उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता मिल सके।

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The Forest Times
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