कूनो मे गूंजी किलकारी: ‘मुखी’ ने पाँच शावकों को दिया जन्म

भोपाल (मध्यप्रदेश)

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में भारत में जन्मी पहली मादा चीता ‘मुखी’ ने पाँच शावकों को जन्म दिया है। इसे ‘प्रोजेक्ट चीता’ का अब तक का सबसे बड़ी सफलता माना जा रहा है, जो दर्शाता है कि चीते भारतीय वातावरण में न केवल जीवित रह रहे हैं, बल्कि सफलतापूर्वक प्रजनन भी कर रहे हैं।

मुखी और उसके पाँच शावक

19 नवंबर 2025 को कूनो नेशनल पार्क से यह खुशखबरी सामने आई, जब अधिकारियों ने घोषणा की कि लगभग 33 महीने की भारतीय मूल की मादा चीता ‘मुखी’ ने पाँच स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। यह पहली बार है कि भारत में जन्मी किसी चीता ने देश में सफल प्रजनन किया है, जिससे यह घटना चीता संरक्षण प्रयासों में एक मील का पत्थर बन गई है।

वन्यजीव विशेषज्ञों और अधिकारियों ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की है। उनका मानना है कि यह इस बात का एक मजबूत संकेत है कि चीते भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र, जलवायु और प्राकृतिक आवासों के अनुकूल हो रहे हैं। मां और शावक दोनों स्वस्थ हैं और उन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

‘प्रोजेक्ट चीता’ को मिली नई गति

‘प्रोजेक्ट चीता’ की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 17 सितंबर 2022 को हुई थी, जब नामीबिया से आठ चीते (पांच मादा और तीन नर) कूनो लाए गए थे। इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाए गए। इस परियोजना का उद्देश्य भारत में चीतों की उस आबादी को फिर से स्थापित करना था, जो लगभग 70 साल पहले विलुप्त हो गए थे।

इस नए जन्म के साथ, देश में शावकों सहित चीतों की कुल संख्या बढ़कर 32 हो गई है, जिनमें से 21 शावक अब भारत में पैदा हुए हैं। इस सफलता ने भारत की वैश्विक संरक्षण छवि को मजबूत किया है और एक आत्मनिर्भर, स्थिर चीता जनसंख्या स्थापित करने के लक्ष्य को बड़ा बल दिया है।

आत्मनिर्भर आबादी की ओर बढ़ता कदम

‘मुखी’ का सफल प्रजनन देश में दीर्घकालिक चीता संरक्षण कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण है। यह साबित करता है कि वैज्ञानिक योजना और मजबूत निगरानी के साथ विलुप्त वन्यजीव प्रजातियों की वापसी संभव है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस “आनंददायक सफलता” के लिए कूनो टीम और वन विभाग के अधिकारियों को बधाई दी है, इसे पूरे देश के लिए गर्व का विषय बताया है।

यह ऐतिहासिक घटना दर्शाती है कि भारत अपने संरक्षण लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में सही रास्ते पर है, और कूनो नेशनल पार्क चीतों का एक नया घर बन रहा है।

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The Forest Times
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