केरल न्यूज़: अब निजी भूमि पर उगा और बेच सकेंगे चंदन

तिरुवनंतपुरम(केरल)

13 सितंबर 2025 को केरल राज्य मंत्रिमंडल द्वारा (केरल वन अधिनियम, 1961) में संशोधन करते हुए इस अधिनियम मे अनुमोदन किया गया। जिससे अब केरल में किसान अपनी निजी भूमि पर चंदन के पेड़ लगा और उसे बेच सकेंगे।

इस ऐतिहासिक कदम से केरल में किसानों के लिए चंदन की खेती को बढ़ावा देने, कृषि वनिकी, आय सृजन और सतत वन प्रबंधन को बढ़ावा देने की उम्मीद है।

क्या होगी प्रक्रिया

किसानो को निजी भूमि पर चंदन की खेती करने के लिए वन विभाग के द्वारा पंजीकरण करवाना होगा। वन विभाग की अनुमति के बाद ही निजी भूमि पर चंदन के पेड़ों की कटाई और बिक्री संभव होगी।

क्या होंगे इससे फायदे-

●किसानों के लिए एक नए आय का स्रोत मिलेगा।

●कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।

●पेड़ों की संख्या बढ़ेगी जिससे पर्यावरण को लाभ होगा।

●कोई कानूनी बंदिश न होने के कारण किसान चंदन के पेड़ो को लगाने से हिचकेंगे नही।किसानों को सरकार चंदन का उचित बाजार मूल्य उपलब्ध कराएगी।

क्या थे अभी तक के नियम-

●अपने निजी भूमि पर किसानो का चंदन का पेड़ लगाना कानूनी अपराध था।

●अब तक यदि किसी की निजी भूमि से चंदन का पेड़ चोरी हो जाता है, तो भूमि मालिक के खिलाफ ही मामला दर्ज हो जाता था।

●अपने व्यक्तिगत उपयोग (जैसे-घर बनाना) के लिए चंदन के पेड़ों को काटने कानूनी अपराध था और पकड़े जाने पर जेल और जुर्माना देना पड़ता था।

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The Forest Times
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