कोटा मे अब ले सकेंगे वन्यजीवों को गोद

कोटा (राजस्थान)

जी हां, बिल्कुल सही सुना आपने। अब आप वन्यजीवों को गोद ले सकेंगे। कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क ने वन्यजीव संरक्षण और आमजन को वन्यजीवों से भावनात्मक रूप से जोड़ने के उद्देश्य से एक अनूठी पहल की शुरुआत की है।

इस पहल के तहत वन विभाग ने ‘कैप्टिव एनिमल स्पॉन्सरशिप’ नामक एक योजना शुरू की है। जिसके तहत अब कोई भी व्यक्ति, संस्था, एनजीओ बायोलॉजिकल पार्क में रहने वाले वन्यजीवों को गोद ले सकेंगे।

इस योजना का मुख्य लक्ष्य जानवरों की बेहतर देखभाल के लिए आर्थिक सहायता जुटाना और समाज में पर्यावरण व वन्यजीवों के प्रति जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना है।

क्या है यह योजना

यह योजना किसी भी व्यक्ति या संगठन को बायोलॉजिकल पार्क में मौजूद 13 से अधिक प्रजातियों के लगभग 85 वन्यजीवों में से किसी को भी गोद लेने का अवसर प्रदान करती है, जिनमें शेर, बाघ, तेंदुआ, भालू और भेड़िया जैसे बड़े जानवर शामिल हैं।

इसके तहत गोद लेने वाले व्यक्ति या संगठन को गोद लिए गए जानवर के भोजन, चिकित्सा देखभाल और रखरखाव का वार्षिक खर्च उठाना होगा। गोद लेने के इच्छुक लोग अपनी पसंद के जानवर को कुछ दिनों से लेकर एक साल या उससे भी अधिक समय के लिए गोद ले सकते हैं।

वन्यजीव विभाग ने विभिन्न जानवरों के लिए अलग-अलग खर्चों की सूची तैयार की है। जैसे एक बाघ को गोद लेने का वार्षिक खर्च लगभग 6.72 लाख रुपये है, जबकि एक भेड़िये को गोद लेने के लिए लगभग 1.5 लाख रुपये है। इसी प्रकार अन्य जानवरो की भी सूची तैयार की गई है।

क्या होगा गोद लेने वाले को इस योजना से फायदा

जो भी व्यक्ति या संस्था इस योजना के तहत जानवर को गोद लेंगे, उन्हें विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएगी-:

●गोद लिए गए जानवर के बाड़े/पिंजरे के बाहर गोद लेने वाले का नाम या संस्था का नाम प्रदर्शित किया जाएगा।

●गोद लेने वाली संस्थाएं इस पहल का उपयोग अपने प्रचार में कर सकती हैं।

●गोद लेने वाले व्यक्तियों या प्रतिनिधियों को बायोलॉजिकल पार्क में प्रवेश पर विशेष छूट दी जाएगी।

●वन विभाग द्वारा आयोजित अर्थ डे या वाइल्ड लाइफ वीक जैसे कार्यक्रमों में उन्हें विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा।

मानव और वन्यजीव को भावनात्मक रूप से जोड़ने मे मिलेगी मदद

वन्यजीव विभाग के अधिकारियों, जैसे डीसीएफ अनुराग भटनागर, का मानना है कि यह पहल न केवल जानवरों की देखभाल में आर्थिक मदद करेगी, बल्कि लोगों को वन्यजीव संरक्षण से भावनात्मक रूप से जुड़ने और समाज में जिम्मेदारी की भावना बढ़ाने में भी मदद करेगी।

इच्छुक व्यक्ति और संस्थाएं इस योजना के बारे में अधिक जानकारी ईटीबी भारत या कोटा वन विभाग से संपर्क करके प्राप्त कर सकते हैं।

ऐतिहासिक शुरुआत: एनटीपीसी अंता ने लिया 12 वन्यजीवों को गोद

इस योजना की शुरुआत कोटा में बड़े पैमाने पर हुई है। राजस्थान में पहली बार किसी औद्योगिक संस्थान ने इतनी बड़ी संख्या में वन्यजीवों को एकसाथ गोद लिया है। एनटीपीसी (NTPC) अंता ने अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) कार्यक्रम के तहत अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क के 12 वन्यजीवों, जिनमें बाघिन, तेंदुए और हायना शामिल हैं, को एक साल के लिए गोद लिया है। एनटीपीसी ने इसके लिए वन विभाग को लगभग 17 लाख रुपये का चेक सौंपा है, जो इन जानवरों के भोजन और देखभाल पर खर्च किया जाएगा।

Author Profile

The Forest Times
The Forest Times

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top