टाइगर@2047 के साथ हर बाघ आवास की रक्षा करना हैं

नई दिल्ली

नई दिल्ली में बुधवार को ‘ग्लोबल बिग कैट्स फ़ोटोग्राफ़ी’ प्रतियोगिता 2025 के पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। पुरस्कार समारोह का आयोजन पर्यावरण मंत्रालय द्वारा इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस, आर्ट्स मैस्ट्रो और उत्तर प्रदेश इकोटूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने की, जिसमें उन्होने भारत मे चल रहें विभिन्न वन्यजीव संरक्षण प्रयासों की जानकारी और उनकी सराहना की। इनमें अमृत काल का टाइगर विजन (Tiger@2047), प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड, प्रोजेक्ट चीता और प्रोजेक्ट डॉल्फिन जैसी महत्वाकांक्षी पहलें शामिल हैं।

टाइगर@2047 योजना के तहत हर संभावित बाघ परिदृश्य को सुरक्षित करना हमारा कर्तव्य- भूपेंद्र यादव

कार्यक्रम मे माननीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि भारत दूरदर्शी टाइगर@2047 योजना के तहत हर संभावित बाघ परिदृश्य को सुरक्षित करने के लिए काम कर रहा है। हमारें संरक्षण प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछ्ले दशक मे बाघो की आबादी मे 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। आज देश मे बाघ संरक्षण के तहत 58 बाघ अभयारण्य मौजूद हैं, जिसमे बाघो की सुरक्षा, संरक्षण, प्रजनन का काम किया जा रहा।

उन्होने आगे एशियाई शेरों के बारे में बात करते हुए कहा कि मंत्री ने कहा कि देश मे 35 हजार वर्ग किलोमीटर मे रह रहे एशियाई शेरों की संख्या मे भी निरंतर वृद्धि हो रही है, 2020 से उनकी संख्या 32 प्रतिशत बढ़कर 891 तक पहुंच गई है।

भारत में अन्य विशाल बिल्ली प्रजातियों के संरक्षण प्रयासों पर बात करते हुए, मंत्री महोदय ने बताया कि कैसे प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड हिमालय के इन शानदार प्रहरी जीवों की रक्षा के लिए स्थानीय समुदायों को एकजुट करता है। उन्होंने प्रोजेक्ट चीता की सफलता का उल्लेख किया और भारतीय धरती पर जन्मे पहले चीता शावक के वयस्क होने के बारे में बताया।

क्या है टाइगर@2047 और महत्व

टाइगर@2047, जिसे ‘अमृत काल का टाइगर विजन’ भी कहते हैं, भारत में बाघ संरक्षण के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के 100वें वर्ष, 2047 तक, सभी संभावित बाघ आवासों को सुरक्षित करना है। इसे अप्रैल 2023 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे होने पर लॉन्च किया गया था।

इसके मुख्य लक्ष्य इस प्रकार हैं-

●बाघों की व्यवहार्य और टिकाऊ आबादी को बनाए रखना।सभी संभावित बाघ आवासों को ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के अंतर्गत लाना।

●मानव-बाघ संघर्ष को कम करना और पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता सुनिश्चित करना।

●स्थानीय समुदायों को संरक्षण प्रयासों में शामिल करना।

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Nitesh Uchbagle
Nitesh Uchbagle
Nitesh is a writer and news reporter for The Forest Times, crafting compelling stories from the heart of the forest.

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