दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर एशिया का सबसे लंबा ‘मंकी लैडर’ बनाएगा NHAI

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने बंदरों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए एक अनोखा पहल करने का निर्णय लिया हैं। अक्सर बंदर सड़क पार करते समय सड़क हादसों का शिकार हो जाते हैं जिसमे कभी-कभी तो उनकी मौत भी हो जाती हैं। इसी समस्या को ध्यान मे रखते हुए NHAI ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर एशिया का सबसे बड़ा ‘मंकी लैडर’ बनाने का फैसला लिया हैं। इस लैडर को पेड़ो के सहारे एक दूसरे से जोड़ा जाएगा, जिसकी मदद से बंदर आसानी से सड़क को पार कर सकेंगे। हालांकि मुंबई-गोवा एक्सप्रेसवे पर इस तरह का मंकी लैडर बनाया जा चुका है, जिसका सफल परिणाम भी मिला है।

नीचे चलेंगी गाड़ियां, उपर चलेंगे बंदर

मंकी लैडर को सड़क के ऊपर इस तरीके से बनाया जाएगा कि नीचे सड़क से गाड़ियां गुजरेंगी और ऊपर बंदर बिना सड़क मार्ग से गुजरे ‘मंकी लैडर’ के सहारे को पार कर सकेंगे। लैडर को हाइवे के दोनों किनारे लगे पेड़ों से जोड़ा जाएगा जो बंदरों के लिए एक पुल का काम करेगा। जिसकी मदद से वे सीधे सड़क मार्ग के रास्ते सड़क पार करने के बजाय ऊपर बने मंकी लैडर का सहारा लेंगे। इस पहल की मदद से बंदरो को सीधे वाहन की चपेट मे आने से रोका जा सकेगा और हाइवे पर बंदरो की वजह से होने वाले बड़े हादसो को काफी हद तक टाला जा सकेगा।

सीधे वाहन की चपेट मे आने से अक्सर होते रहते है हादसे

अभी तक सड़क पार करने के लिए बंदर सीधे सड़क का सहारा ही लेते है, जिस वजह से अकसर वे हाइवे पर तेज रफ्तार से चल रहे वाहनों का शिकार हो जाते है। वाहन की चपेट मे आने से उन्हे गंभीर चोटे आती है यहा तक की कभी-कभी तो हादसे मे उनकी मौत भी हो जाती हैं। वही दूसरी तरफ हाइवे पर अचानक बंदरो का गाड़ी के सामने आ जाने पर चालक को भी कई तरह की समस्याओ का सामना करना पड़ता है और कभी-कभार तो वाहन और चालक भी बड़े हादसे का शिकार हो जाते है। मंकी लैडर बनने से इस गंभीर समस्या से काफी हद तक मदद मिलेगी।

वन्यजीव सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुए लिया गया है फैसला

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का एक बड़ा हिस्सा सहारनपुर की शिवालिक पहाड़ियों और राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरता है। जंगली और पहाड़ी इलाका होने में कारण वहा बंदरों की संख्या बहुत ज्यादा है। सड़क पार करने के लिए उन्हे सीधे सड़क मार्ग से होकर ही गुजरना पड़ता है और इसी वजह से अक्सर वे सड़क हादसो का शिकार हो जाते हैं। वाहन चालक भले ही धीमी गति से चलें फिर भी अचानक सामने बंदरो के आ जाने से सड़क हादसो का हो जाना आम बात है।NHAI ने इसी समस्या को मद्देनजर रखते हुए वन्यजीव सुरक्षा के लिए मंकी लैडर बनाने का निर्णय लिया है। ऐसे हादसो को रोका तो नही जा सकता है पर पर सही तरीको का इस्तेमाल करके उन्हे कम तो जरूर किया जा सकता हैं। मंकी लैडर की मदद से बंदरो को सड़क पार करने का सुरक्षित तरीका तो दिया ही जाएगा साथ-साथ इसकी मदद से सड़क हादसे को भी कम किया जा सकेगा।

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The Forest Times
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