नई दिल्ली
दिल्ली सरकार ने शहर में 15 ‘नमो वन’ और 2 मियावाकी वन विकसित करने की योजना बनाई है, जिसकी मदद से दिल्ली की हवा में सुधार और हरित क्षेत्र मे बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना राजधानी के वायु प्रदूषण से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जिससे दिल्ली के नागरिकों को स्वच्छ हवा मिल सकेगी।
वायु प्रदूषण को कम करने मे मिलेगी मदद
दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या एक गंभीर चुनौती है, जो हर साल विशेष रूप से सर्दी के मौसम में लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। इस समस्या से निपटने के लिए विभिन्न प्रयास किए जाते रहे हैं, ‘नमो वन’ की शुरुआत इसी दिशा में एक नया और प्रभावी कदम है। ये शहरी वन, शहर के विभिन्न हिस्सों में बनाए जाएंगे, जहाँ वृक्षारोपण के माध्यम से प्रदूषण को कम करने का प्रयास किया जाएगा। इन वनों को “सिटी लंग्स” या शहर के फेफड़े के रूप में विकसित करने की योजना है, जो हवा को शुद्ध करके नागरिकों को राहत देंगे।
नमो वन की संकल्पना
‘नमो वन’ एक योजना का हिस्सा है, जिसके तहत दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हरित क्षेत्र को बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही, मियावाकी पद्धति से वन विकसित किए जाएंगे। मियावाकी एक जापानी तकनीक है, जिसमें कम जगह में घने जंगल उगाए जाते हैं। यह विधि बहुत कम समय में पौधे को तेजी से बढ़ने में मदद करती है, जिससे हरित क्षेत्र का विस्तार जल्द से जल्द हो सकता है। यह तकनीक शहरीकरण के कारण कम होती हरियाली के लिए एक प्रभावी समाधान प्रदान करती है। इस योजना के तहत, 15 नमो वन और 2 मियावाकी वन विकसित किए जाएंगे।
परियोजना के मुख्य उद्देश्य
●वायु गुणवत्ता में सुधार: सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य दिल्ली की वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। शहरी वन पेड़ों के माध्यम से हवा में मौजूद हानिकारक कणों को अवशोषित करके हवा को शुद्ध करने में मदद करते हैं।
●हरित क्षेत्र का विस्तार: दिल्ली में हरित आवरण को बढ़ाकर पर्यावरण को संतुलित करना। यह शहर को एक हरा-भरा और स्वस्थ रूप देगा।
●प्रदूषण का मुकाबला: प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों, जैसे वाहनों से निकलने वाले धुएं और धूल को नियंत्रित करने में मदद करना। जल छिड़काव यंत्रों का उपयोग इस दिशा में एक अतिरिक्त कदम है।
●शहरी जैव विविधता को बढ़ावा: घने वन शहर में जैव विविधता को बढ़ावा देने का काम करेंगे। इससे पक्षियों और छोटे जानवरों के लिए प्राकृतिक आवास बनेंगे।
●नागरिकों को लाभ: ये वन लोगों को मनोरंजन और सुकून भरी जगह प्रदान करेंगे, जहाँ वे प्रकृति के करीब आ सकेंगे।
स्थान और क्रियान्वयन
योजना के तहत, दिल्ली सरकार ने इन वनों के विकास के लिए 15 जगहों का चयन किया है। इन स्थानों पर गहन वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा, जिसमें स्वदेशी प्रजातियों के पौधों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना के क्रियान्वयन से उम्मीद है कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा।
क्या होगा इससे फायदा
‘नमो वन’ और मियावाकी वनों की स्थापना दिल्ली के लिए एक सकारात्मक कदम है। यह न केवल प्रदूषण की समस्या से निपटने में मदद करेगा, बल्कि शहर के नागरिकों के लिए एक बेहतर और स्वस्थ वातावरण भी तैयार करेगा। यह पहल शहरीकरण के साथ-साथ प्रकृति के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश भी देती है। हालांकि इस योजना की सफलता इसके उचित क्रियान्वयन पर निर्भर करेगी, लेकिन यह एक उज्जवल भविष्य की उम्मीद जगाती है, जहाँ दिल्ली एक हरित और स्वच्छ शहर के रूप में जाना जाएगा। इन वनों का विकास राजधानी को ‘सिटी लंग्स’ प्रदान करेगा, जो दिल्ली को एक नया जीवन देंगे। यह योजना शहर के पर्यावरण को बेहतर बनाने के साथ-साथ लोगों के जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारने का काम करेगी।
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