इंफाल (मणिपुर)
मणिपुर के मेंगलोंग जिले के इम्पा गांव से बुधवार को एक सीरो फॉन को बचाकर मणिपुर ज़ूलॉजिकल गार्डन, इंफाल को सौंप दिया गया। बचाया गया वन्यजीव वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित किया गया है। इसका अवैध शिकार और व्यापार कानूनी अपराध है, और पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई के प्रावधान है।
गाव के ही एक ग्रामीण द्वारा बचाया गया
यह सीरो फॉन को इम्पा गांव के ही ता केइजुइलुंग पामे (एक ग्रामीण) द्वारा बचाया गया। पामे ने उसे सुरक्षित बचाकर वृहस्पति को तौसेम के RFO ए. प्रोमेश्वर सिंह को सौंप दिया।
जिसके बाद शुक्रवार को उसे तामेंगलोंग वन प्रभाग द्वारा डीएफओ, तामेंगलोंग खारिबाम हिटलर सिंह और तौसेम रेंज के कर्मचारियों द्वारा डॉ. एल. शरतचंद्र सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी, मणिपुर प्राणी उद्यान को सौंप दिया गया।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम,1972 के तहत संरक्षित है सीरो फॉन
सीरो फॉन एक लुप्तप्राय वन्यजीव है, जिसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित किया गया है। इसका साइंटिफिक नाम कैप्रिकॉर्निस रूबिडस है, और इसे IUCN द्वारा “वल्नरेबल” के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका अवैध शिकार,व्यापार और इसे पकड़ना कानूनी अपराध है, और पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई के प्रावधान है।
ये पश्चिमी हिमालय से पूर्वी हिमालय तक, समुद्र तल से 2,000 मीटर से 4,000 मीटर की ऊँचाई पर घने जंगलों में निवास करते है। मांस के लिए शिकार और आवास का विनाश हिमालयन सीरो की घटती आबादी के मुख्य कारण हैं।
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- A dedicated forest journalist passionate about uncovering the hidden stories of nature, wildlife, and conservation. Through vivid storytelling and on-ground reporting, they bring attention to the delicate balance between human activity and the natural world, inspiring awareness and action for a sustainable future.
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