बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ की रहस्यमय मौत, जांच में जुटा वन विभाग

उमरिया (मध्यप्रदेश)

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक दो वर्षीय बाघ शावक की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई, जिससे वन विभाग मे हड़कंप मच गया। शुक्रवार देर शाम शावक का शव कुशमाहा क्षेत्र के लेंटाना की झाड़ियों से संदिग्ध अवस्था में पाया गया।

घटना के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के दिशानिर्देशों के अनुसार, आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है, और मौत का सही कारण पता लगाने के लिए शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।

कई दिनो से रखा जा रहा था शावक पर नजर

शुक्रवार शाम को वन विभाग की टीम गश्ती के दौरान कुशमाहा क्षेत्र में एक बाघ शावक का शव मिला। जानकारी मिलते ही, बीटीआर के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर घटनास्थल पर पहुंचे।

शुरुआती जांच में पाया गया कि शावक लगभग दो वर्ष है। वन विभाग की टीम पिछले कुछ दिनों से उस शावक पर नज़र रख रही थी, क्योंकि वह गांव की ओर जाने का प्रयास कर रहा था। शावक के शव को कब्जे मे लेकर आगे की कार्रवाई के लिए हैड आफिस भेज दिया गया साथ घटनास्थल को संरक्षित करके जांच की जा रही है।

क्या हो सकता है मौत का संभावित कारण

हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है, लेकिन शावक की मौत एक अबूझ पहेली बनी हुई है। वन विभाग इस घटना पर सभी संभावित एंगल से जांच कर रहा है। एक संभावना यह जताई जा रही है कि अत्यधिक ठंड के कारण उसे दिल का दौरा पड़ा हो।

वन विभाग की टीम मौत को अवैध शिकार के नजरिए से भी देख रही है। और साथ ही यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि शावक की मौत का कारण किसी अन्य जानवर से हुई लड़ाई भी हो सकती है।

पोस्टमॉर्टम होने के बाद किया जाएगा दाह संस्कार

बाघ शावक की मौत के बाद, वन विभाग एनटीसीए के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी प्रकिया कर रही है। वन्य चिकित्सक की उपस्थिति में शव का परीक्षण किया जा रहा है और आवश्यक नमूने जांच के लिए प्रयोगशालाओं में भेजे गए है। सभी प्रक्रियाओं के बाद, एनटीसीए के मानकों के अनुसार, शावक के अवशेषों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

बाघों की सुरक्षा पर उठ रहा है सवाल

मध्य प्रदेश को ‘टाइगर स्टेट’ के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन बांधवगढ़ में लगातार हो रही बाघों की मौतें चिंता का विषय बनते जा रहि हैं। पिछले कुछ दिनो से यहां कई बाघों और शावकों की मौत के मामले सामने आए है, जिससे पार्क प्रबंधन और राज्य सरकार की वन्यजीव संरक्षण नीतियों पर सवाल उठ रहे हैं।

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के आंकड़ों के अनुसार, अकेले बांधवगढ़ में पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में बाघों की मौतें दर्ज की गई हैं। जोकि बेहद चिंतनीय है और इसपर प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। वन विभाग का टीम इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है, और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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The Forest Times
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