सिवनी (मध्य प्रदेश)
मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व की बाघिन PN-224, जिसे प्यार से ‘जुगनी’ भी कहा जाता है, इन दिनों सुर्खियों में है। इस बाघिन को भारत की पहली अंतरराज्यीय बाघ स्थानांतरण योजना के तहत राजस्थान के बूंदी जिले में स्थित रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व भेजा जाना है। हालांकि, यह बाघिन वन विभाग की संयुक्त टीमों को लगातार चकमा दे रही है, जिससे उसे ट्रेंक्यूलाइज करने का अभियान धीमा पड़ गया है।
लगातार चकमा दे रही है बाघिन
बाघिन जुगनी को पकड़ने के लिए मध्य प्रदेश और राजस्थान के वन विभागों की संयुक्त टीमें बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। इस अभियान में लगभग 50 वनकर्मी, हाथी दस्ते और एआई सक्षम ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। रविवार की सुबह टीमों ने बाघिन की ताज़ा तस्वीर प्राप्त की, जिसके बाद उसकी लोकेशन को ट्रैक किया गया।
जब टीम ने बाघिन को एक जलाशय के पास देखा, तो उसे ट्रेंक्यूलाइज करने का प्रयास किया गया। हालांकि, बाघिन पानी के बहुत करीब थी, जिससे बेहोश होने पर उसके पानी में गिरने का जोखिम था। टीम ने उसके सुरक्षित स्थान पर जाने का इंतजार किया, लेकिन बाघिन ने स्थिति को भांप लिया और तेजी से घने जंगल में ओझल हो गई।
बाघिन की मायावी हरकतें
पिछले कुछ दिनों से, PN-224 बाघिन अपनी मायावी हरकतों से टीमों के पसीने छुड़ा रही है। वह एक झलक दिखाकर तुरंत घने जंगल में छिप जाती है। वन अधिकारियों ने अब अपनी रणनीति बदल दी है और नए सिरे से सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। उम्मीद है कि जल्द ही उसे ट्रेंक्यूलाइज कर एयरलिफ्ट के माध्यम से बूंदी ले जाया जाएगा, जहां उसे एक विशेष बाड़े में रखा जाएगा।
जुगनी का महत्व
बाघिन PN-224 को रामगढ़ विषधारी रिजर्व में बाघों की आबादी बढ़ाने के लिए भेजा जा रहा है। यह अंतरराज्यीय स्थानांतरण परियोजना देश में बाघ संरक्षण के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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