बिजनौर मे की जाएगी तेंदुओं की नसबंदी

बिजनौर (उत्तर प्रदेश)

बिजनौर वन विभाग ने यूपी सरकार से तेंदुओं की लगातार बढ़ रही संख्या और क्षेत्र मे इंसानों और तेंदुओं के बीच बढ़ रहे संघर्ष को कम करने के लिए उनकी नसबंदी करने की अनुमति मांगी है। वन विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक 5 साल के भीतर कम से कम 50 फीसदी तेंदुओं की नसबंदी की जाएगी। इसके अतिरिक्त मानव आबादी वाले क्षेत्रों में तेंदुओं के प्रवेश को रोकने के लिए चेनलिंक फेंसिंग और निगरानी के लिए थर्मल नाइट विजन कैमरे भी लगाए जाएंगे। इस योजना मे करीब 650 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाया गया हैं।

हालांकि अभी इस योजना पर शासन की मंजूरी नही मिली हैं। अगर इसे मंजूरी मिल जाती है, तो बिजनौर में तेंदुओं की नसबंदी का कदम, भारत में पहला होगा।

योजना के तहत 50% नर तेंदुओं की नसबंदी होगी

बिजनौर मे बढ़ रहे तेंदुओं की आबादी और मानव-तेदुए संघर्ष को देखते हुए यह योजना बनाई गई है। जिसके तहत 5 साल के भीतर बिजनौर मे मौजूद 50% नर तेंदुओं की नसबंदी की जाएगी ताकि उनकी आबादी नियंत्रित हो सके। इस प्रकिया पर लगभग 50 लाख रुपये का खर्च आएगा।

बिजनौर मे लगातार बढ़ रहे है तेंदुए के आतंक की समस्या

बिजनौर कृषि क्षेत्र हैं वहा अधिक मात्रा मे गन्ने की खेती की जाती हैं। वन क्षेत्र में लगातार बढ़ रही संखया उनके बीच संघर्ष का कारण बनती रही हैं। ज्यादातर वन क्षेत्र से सटे होने के कारण अक्सर तेंदुए भोजन और पानी की तलाश मे मानव बस्तियों मे आते रहते हैं और इसी सिलसिले मे उनमे और मानवों के बीच संघर्ष के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। अपने बचाव मे अक्सर वे इंसानों पर जानलेवा हमला कर देते है और गन्ने के खेतों में छिप जाते हैं। गन्ने के खेत इन्हें इंसानो की नजरों से बचाने मे बहुत मदद करते हैं।

650 करोड़ रुपये का है पूरा प्रस्ताव

बिजनौर वन विभाग ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस परियोजना के लिए कुल 650 करोड़ रुपये का करने का प्रस्ताव दिया हैं। जिसमे नर तेंदुओं की नसबंदी के साथ-साथ बिजनौर और नजीबाबाद की उन वन रेंजो के जंगलों में चेनलिंक फेंसिंग (तारबाड) कराने की भी योजने है, जहां से तेंदुए जंगलों से निकल कर खेतों और गांवों तक पहुंचते है। इसके साथ ही चेन लिंक फेंसिंग में आधुनिक थर्मल नाइट विजन कैमरे भी लगाये जायेंगे जो वन विभाग को रियल टाइम डेटा कमांड को भेजेंगे। साथ ही अत्याधुनिक वाइल्ड लाइफ कमांड सेंटर की स्थापना करके तेंदुओं की देखभाल और इलाज के लिए एक वाइल्ड लाइफ हॉस्पिटल का भी निर्माण किया जायेगा।

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The Forest Times
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