भारत ने हासिल किया विश्व कुल वन क्षेत्र मे नौवां स्थान

हाल ही मे जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा बाली में जारी ‘वैश्विक वन संसाधन आकलन (जीएफआरए) 2025’ के अनुसार, भारत कुल वन क्षेत्र के मामले में दुनिया में 9वें स्थान पर पहुंच गया है। इससे पहले भारत इस सूची में 10वें स्थान पर था। इसके अतिरिक्त भारत ने वार्षिक वन क्षेत्र वृद्धि के मामले में भी अपनी तीसरी रैंक बरकरार रखी है।

लगातार प्रयासों का परिणाम

यह सफलता कोई एक दिन की मेहनत नही है, बल्कि कई सालों की मेहनत का फल है। यह भारत सरकार द्वारा वन संरक्षण, वृक्षारोपण और सामुदायिक भागीदारी से संबंधित नीतियों और कार्यक्रमों का सकारात्मक परिणाम है। ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे अभियानों ने नागरिकों को वृक्षारोपण और संरक्षण गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) की नवीनतम रिपोर्टों से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत के वन और वृक्षों के आवरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

जनभागीदारी का बढ़ता महत्व

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस उपलब्धि को साझा करते हुए बताया कि सार्वजनिक भागीदारी की बढ़ती भावना एक हरित और स्थायी भविष्य के प्रति सामूहिक जिम्मेदारी को बढ़ावा दे रही है। यह उपलब्धि केंद्र सरकार की योजनाबद्ध नीतियों और राज्य सरकारों द्वारा बड़े पैमाने पर चलाए गए वृक्षारोपण प्रयासों का परिणाम है।

एशिया का बढ़ता वन क्षेत्र और वैश्विक संदर्भ

FAO की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 से 2025 के बीच वार्षिक वन क्षेत्र वृद्धि दर्ज करने वाला एशिया एकमात्र क्षेत्र है, जिसमें चीन और भारत ने सबसे अधिक योगदान दिया है। यह दिखाता है कि भारत जैसे देश पर्यावरण संरक्षण के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। वैश्विक स्तर पर, वनों की शुद्ध हानि की वार्षिक दर में भी कमी आई है, जो 1990 के दशक में 10.7 मिलियन हेक्टेयर थी, वह 2015-2025 के दौरान 4.12 मिलियन हेक्टेयर तक गिर गई है। यह एक सकारात्मक संकेत है।

भारत के प्रयास और भविष्य की दिशा

रिपोर्ट के अनुसार, विश्व के कुल वन क्षेत्र का लगभग एक-तिहाई हिस्सा, जो 4.14 बिलियन हेक्टेयर है, वनों से ढका हुआ है। भारत जैसे देशों का सतत वन प्रबंधन और पारिस्थितिक संतुलन के प्रति समर्पण वैश्विक पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है। वन केवल कार्बन सिंक का ही काम नहीं करते, बल्कि वे खाद्य सुरक्षा, स्थानीय आजीविका और नवीकरणीय जैव-सामग्रियों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। भारत की यह उपलब्धि दर्शाती है कि सही नीतियों और जनभागीदारी से पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्यों को प्राप्त करना संभव है।

निष्कर्ष में, वन क्षेत्र में भारत का नौवें स्थान पर आना और वार्षिक वृद्धि में तीसरे स्थान पर बने रहना एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है, जो देश के पर्यावरण संरक्षण प्रयासों की सफलता का प्रमाण है। यह भारत के हरित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Author Profile

The Forest Times
The Forest Times

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top