नई दिल्ली
पर्यटन मंत्रालय ने देश में सतत और जिम्मेदार पर्यटन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से ‘सतत पर्यटन मानदंड- इंडिया’ (STCI) लागू किया है। यह मानदंड पर्यटन उद्योग के तीन बड़े क्षेत्रों टूर ऑपरेटर, आवास क्षेत्र और समुद्र तट/बैकवाटर/झील/नदी से जुड़े पर्यटन सेक्टर के लिए तैयार किया गया है। मंत्रालय के अनुसार, संबंधित हितधारकों ने इस मानदंड को अपनाना शुरू कर दिया है।
टूर ऑपरेटरों के लिए अनिवार्य शपथ
पर्यटन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित सभी टूर ऑपरेटरों को “सुरक्षित एवं सम्मानजनक पर्यटन तथा सतत पर्यटन” के प्रति प्रतिबद्धता की शपथ पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य किया गया है। इसका उद्देश्य उन्हें पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक विरासत सुरक्षा और जिम्मेदार यात्रा प्रथाओं के प्रति संवेदनशील बनाना है।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अभी तक
- 2,787 आवास इकाइयों और
- 1,633 पर्यटन सेवा प्रदाताओं
को आधिकारिक मान्यता प्रदान की जा चुकी है।
राष्ट्रीय सतत पर्यटन कार्यनीति और ‘ट्रैवल फॉर लाइफ’ कार्यक्रम
सतत पर्यटन के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कार्यनीति भी तैयार कर राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भेजी है।
इसके अनुरूप, पर्यटकों और पर्यटन व्यवसायों को जिम्मेदार यात्रा की ओर प्रेरित करने के लिए Travel For Life (TFL) कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
गौरतलब है कि इस रणनीति के लिए अलग से कोई विशेष बजट आवंटित नहीं किया गया है।
रामसर स्थलों पर प्रशिक्षण: 210 लोगों को मिला विशेष कौशल विकास
पर्यटन मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय ने 2023–24 के दौरान 5 प्रमुख रामसर स्थलों पर वैकल्पिक आजीविका कार्यक्रम (ALP) और पर्यावरण नाविक प्रमाणपत्र (PNC) के लिए 210 स्थानीय लोगों को 15 दिन का प्रशिक्षण दिया।इन स्थलों में शामिल हैं—
- सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (हरियाणा)
- यशवंत सागर बांध व सिरपुर झील, इंदौर (मध्य प्रदेश)
- भितरकनिका मैंग्रोव और चिल्का झील (ओडिशा)
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य स्थानीय समुदायों को प्रकृति-आधारित पर्यटन से जोड़ते हुए स्थानीय संस्कृति व प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित करना है।
होटलों के लिए कड़े पर्यावरणीय मानक
परियोजना चरण में ही होटलों को अनिवार्य रूप से निम्न पर्यावरण-अनुकूल उपाय अपनाने होंगे—
- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP)
- वर्षा जल संचयन प्रणाली
- अपशिष्ट प्रबंधन
- प्रदूषण नियंत्रण उपाय
- गैर-CFC उपकरण
- ऊर्जा एवं जल संरक्षण तकनीक
स्वदेश दर्शन 2.0: टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन की नई दिशा
पर्यटन स्थलों के जिम्मेदार विकास के लिए स्वदेश दर्शन योजना को नए रूप स्वदेश दर्शन 2.0 के रूप में लागू किया गया है। इसके तहत चैलेंज-बेस्ड डेस्टिनेशन डेवलपमेंट उप-योजना चलाई जा रही है, जिसका लक्ष्य पर्यटन स्थलों का पूर्ण विकास कर उन्हें टिकाऊ, सुरक्षित और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
यह जानकारी केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी।
सोर्स – PIB
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