मध्यप्रदेश में सात दिवसीय हाथी महोत्सव का हुआ शुभारंभ

भोपाल (मध्यप्रदेश)

जन-सामान्य में हाथियों के संरक्षण के प्रति बढ़ाई जाती है जागरूकता

मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में हाथी महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। शहडोल के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 25 सितम्बर से 30 सितम्बर तक रामा हाथी कैम्प, ताला, बांधवगढ़ में हाथी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।इस महोत्सव के दौरान हाथियों को पूरी तरह से विश्राम दिया जाता हैं। उनका श्रृंगार करके उनकी पूजा की जाती है, और उन्हे उनका मनपसंद भोजन खिलाया जाता हैं। फिर उन्हें सजाकर लोगों के सामने दर्शन के लिए प्रस्तुत किया जाता है।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों की ट्रैकिंग, गश्त और रेस्क्यू में हाथियों की अहम भूमिका है। पार्क प्रबंधन द्वारा इस बार हाथी महोत्सव हाथियों के पुनर्जीवन के लिए समर्पित किया है। आयोजन का उद्देश्य जन-सामान्य में हाथियों के लिए जागरूकता और उनकी सेवा, देखभाल और संरक्षण की भावना बढ़ाना है। साथ ही लोगो को हाथियों के सामाजिक व्यवहार की जानकारी दी जाती हैं।

दिया जाता है हाथियों को सुख का आनंद

हाथी महोत्सव के पहले दिन हाथियों को सुबह-सुबह गंगा नदी में स्नान कराया जाता हैं। जहां पानी में वे मस्ती करते हैं। नहलाने के बाद उन्हे कैंप में वापस लाकर नीम एवं आरंडी के तेल से उनकी मालिश की जाती हैं, फिर चंदन लगाकर उन्हें सजाया जाता हैं। फिर उन्हें उनका पसंदीदा भोजन जैसे गन्ना, नाशपाती, नारियल, गुड़, मक्का, केला, सेव, अमरूद तथा रोटी परोसी जाती है। भोजन के उपरांत उन्हें दोपहर से शाम तक खुले जंगल में छोड़ दिया जाता है। इस दौरान वे कीचड़ स्नान, तालाब में जल क्रीड़ा तथा वन भ्रमण का आनंद लेते हैं।

हाथियों की खास देखभाल के लिए तैनात किए जाते हैं वन्यजीव विशेषज्ञ डॉक्टर

आयोजन के दौरान उनकी देखभाल के वन्यजीव विशेषज्ञ डॉक्टर्स को भी शामिल किया जाता हो। जो उनकेएवं दाँतों की खास देखभाल करते हैं। डॉक्टरों उनकी डाइट भी तय करते है, जिसमें खनिज आहार, पारंपरिक भोजन और ऊर्जा प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थ शामिल किए जाते हैं। हाथी महोत्सव में आम नागरिकों को भी पार्क मे आने की अनुमति होती है, वे सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक हाथियों की पूजा एवं उन्हें भोजन खिलाकर उनका दर्शन करते है।

15 हाथी मौजूद है बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे हर साल हाथी महोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता हैं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी यह आयोजन किया गया हैं। कैंप मे मौजूदा समय मे कुल 15 हाथी मौजूद हैं, जिनमें 9 नर तथा 6 मादा हैं। कैंप में सबसे बुजुर्ग हाथी ‘गौतम’ है जिसकी उम्र 79 वर्ष है, वह रिटायर हो चुका है। जबकि कैंप में सबसे छोटा हाथी ‘गंगा’ है, जिसकी उम्र मात्र एक साल है।

हाथी महोत्सव में कैंप में रहने वाले हाथियों को ही नहीं, बल्कि उनकी देखरेख करने वाले कर्मचारियों को भी विशेष सम्मान मिलता है। हाथियों के महावत और उनके हेल्पर का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। हाथियों को लेकर आगे आने वाली चुनौतियों, वर्तमान और भविष्य के बदलाव को लेकर उन्हें विशेष ट्रेनिंग भी दी जाती है।

आयोजित किया गया संजय टाइगर रिजर्व सीधी में ‘हाथी रिजुवनेशन कैंप’

संजय टाइगर रिजर्व सीधी के खैरीझील हाथी कैम्प परिसर मे हाथी महोत्सव-2025 का भव्य आयोजन किया गया। महोत्सव का शुभारंभ विधायक कुंवर सिंह टेकाम ने हाथियों की पूजा एवं उन्हें फल खिला कर किया। साथ ही उन्होंने महावतों और चारा कटरों को टॉर्च, मच्छरदानी और बैग वितरित किया। आयोजन में हाथी बापू, भरत, चित्रा और शांभवी शामिल रहे।

इस दौरान हाथियों को नियमित आहार के साथ केला, सेव, पपीता, गन्ना, नारियल आदि विशेष फल खिलाए गए। इस दौरान कैंप में हाथियों को 7 दिन के लिए कार्य से पूर्णतः मुक्त रखा जाता हैं। हाथियों की टस्क ट्रिमिंग, नाखून काटना, नीम तेल से पैरों की मालिश तथा स्वास्थ्य परीक्षण जबलपुर के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किया जाता है। महावतों एवं चारा कटरों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा परिचर्चा एवं खेल-कूद कार्यक्रम किए जाते हैं। हाथियों के स्वास्थ्य संवर्धन और देखभाल के लिए यह आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है।

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The Forest Times
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