मध्य प्रदेश और असम के बीच वन्यजीव पर्यटन में बढ़ेगी साझेदारी

रोशनी, भोपाल ( मध्यप्रदेश) Sub- Editor

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने काजीरंगा नेशनल पार्क का भ्रमण किया और वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दोनों राज्यों के बीच समझौते की संभावना जताई। इस दौरान उन्होंने वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन विकास के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

वन्यजीव संरक्षण में सहयोग

मध्य प्रदेश और असम दोनों राज्य वन्यजीव संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मध्य प्रदेश असम को घड़ियाल, मगरमच्छ और गौर दे सकता है, जबकि असम से गैंडा मध्य प्रदेश के वन क्षेत्र को समृद्ध कर सकता है। इससे दोनों राज्यों की जैव विविधता में वृद्धि होगी और वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को बल मिलेगा।

पर्यटन विकास के अवसर

दोनों राज्यों के बीच वन्यजीव पर्यटन में साझेदारी से पर्यटन विकास के नए अवसर पैदा होंगे। मध्य प्रदेश और असम मिलकर ईको-टूरिज्म, रिवर क्रूज़ और सस्टेनेबल हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और दोनों राज्यों की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।

काजीरंगा नेशनल पार्क

काजीरंगा नेशनल पार्क असम में स्थित एक विश्व धरोहर स्थल है, जो अपने एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध है। यह पार्क विविध वनस्पतियों और जीवों का घर है और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

मध्य प्रदेश की वन्यजीव पर्यटन पहल

मध्य प्रदेश वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रहा है। राज्य में कई राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य हैं, जिनमें बाघ, तेंदुआ, हाथी और अन्य वन्यजीव पाए जाते हैं। मध्य प्रदेश सरकार वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

मध्य प्रदेश और असम के बीच वन्यजीव पर्यटन में साझेदारी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो दोनों राज्यों के लिए फायदेमंद होगा। इससे न केवल वन्यजीव संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि पर्यटन विकास और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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The Forest Times
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