‘ऑरेंज ओक लीफ’ तितली को राज्य तितली घोषित करने का प्रस्ताव

भोपाल (मध्यप्रदेश)

मध्य प्रदेश, जिसे ‘टाइगर, चीता, तेंदुआ और घड़ियाल राज्य’ के रूप में जाना जाता है, अब अपनी प्राकृतिक विरासत में एक नया अध्याय जोड़ने की तैयारी में है। राज्य का वन विभाग ‘ऑरेंज ओक लीफ’ तितली को राज्य तितली के रूप में अधिसूचित करने पर विचार कर रहा है और इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो ‘ऑरेंज ओक लीफ’ इस राज्य की आधिकारिक ‘राज्य तितली’ बन जाएगी।

अद्भुत छलावरण की कला

‘ऑरेंज ओक लीफ’ तितली, जिसका वैज्ञानिक नाम कल्लिमा इनैकस है, अपने अविश्वसनीय छलावरण के लिए विश्व स्तर पर जानी जाती है। हिंदी में इसे ‘मृत पत्ती तितली’ भी कहते हैं। जब यह अपने पंख बंद कर लेती है, तो यह पूरी तरह से एक सूखी पत्ती जैसी दिखती है, जिसमें गहरे रंग की नसें भी साफ दिखाई देती हैं। प्रकृति का यह आश्चर्यजनक रूप शिकारियों से बचने में इसकी मदद करता है, जिससे यह जंगल के फर्श पर लगभग अदृश्य हो जाती है।

मध्य प्रदेश में उपस्थिति

यह तितली मुख्य रूप से हिमालय की तलहटी से लेकर पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में पाई जाती है। हालांकि, यह मध्य और प्रायद्वीपीय भारत में भी मौजूद है, जिसमें मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा शामिल हैं।

मध्य प्रदेश में, यह सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में पचमढ़ी और अमरकंटक जैसे क्षेत्रों में देखी जाती है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में तितलियों की 126 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें ‘ऑरेंज ओक लीफ’ भी शामिल है।

राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान

दिलचस्प बात यह है कि ‘ऑरेंज ओक लीफ’ को भारत की राष्ट्रीय तितली के रूप में चुनने के लिए चल रही दौड़ में भी शामिल किया गया था, जहाँ इसे सबसे अधिक वोट मिले थे। भारत में, राष्ट्रीय तितली चुनने के लिए सात प्रजातियों को शॉर्टलिस्ट किया गया था, जिनमें से तीन (इंडियन नवाब, ऑरेंज ओकलीफ और कॉल जेजेबेल) होशंगाबाद जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में भी पाई जाती हैं।

पारिस्थितिकी तंत्र में महत्व

वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, तितलियाँ पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे परागणकों के रूप में पौधों के प्रजनन में मदद करती हैं और खाद्य जाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं, जो पक्षियों और चमगादड़ों जैसे शिकारियों के लिए भोजन का स्रोत बनती हैं। वे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय संकेतक भी हैं, क्योंकि उनके आवास में परिवर्तन के प्रति उनकी संवेदनशीलता पारिस्थितिकी तंत्र के समग्र स्वास्थ्य का संकेत देती है।

संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा

यदि ‘ऑरेंज ओक लीफ’ को राज्य तितली घोषित किया जाता है, तो इससे न केवल इस प्रजाति के संरक्षण प्रयासों को बल मिलेगा, बल्कि राज्य में बटरफ्लाई पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश, जो पहले से ही अपने बाघ अभयारण्यों के लिए प्रसिद्ध है, इस कदम के बाद तितली प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन सकता है।

वर्तमान में, महाराष्ट्र ब्लू मॉर्मन को राज्य तितली घोषित करने वाला भारत का पहला राज्य था, इसके बाद अन्य राज्यों ने भी अपनी राज्य तितलियाँ चुनी हैं। मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम राज्य की समृद्ध जैव विविधता को मान्यता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण

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The Forest Times
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