शाजापुर (मध्य प्रदेश)
मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में किसानों की फसलों के हो रहे नुकसान को रोकने के लिए वन विभाग द्वारा एक विशेष अभियान चलाया गया। जिसके तहत प्रदेश मे अब तक 913 जंगली जानवरों (846 काले हिरण और 67 नीलगाय) को सफलतापूर्वक पकड़कर स्थानांतरित किया जा चुका है। इस अभियान में दक्षिण अफ्रीका की एक विशेषज्ञ टीम की मदद ली गयी, जिसमें जानवरों को पकड़ने के लिए ‘बोमा तकनीक’ और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया है।
21 दिनों तक चला अभियान
इस अभियान को 21 दिनों तक चलाया गया, जिसमें दक्षिण अफ्रीका की एक टीम की मदद ली गयी। इस अभियान को शाजापुर और उसके आसपास के जिलों में किसानों की फसलों को नीलगाय और काले हिरणों द्वारा पहुंचाए जाने वाले भारी नुकसान की शिकायतों के बाद शुरू किया गया था। जानवरों को पकड़ने के लिए दक्षिण अफ्रीका की ‘बोमा’ तकनीक और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था। हेलीकॉप्टर की मदद से जानवरों को धीरे-धीरे फ़नल के आकार के बाड़ों की ओर हांका गया, जहां ट्रकों पर लगे विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए पिंजरों मे पकड़कर उन्हें अभ्यारण्य मे स्थानांतरित किया गया।
पकड़े गए 913 जंगली जानवर
21 दिनों तक चले इस अभियान मे 913 जंगली जानवरों को पकड़ा गया। पकड़े गए जानवरों को मध्य प्रदेश के विभिन्न वन्यजीव अभ्यारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों में छोड़ा गया। इनमे से नीलगायों को गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ा गया है, और वही काले हिरणों को गांधी सागर, कूनो और नौरादेही अभयारण्यों में छोड़ा गया।
क्या रहा इसका परिणाम
वन विभाग द्वारा चलाए गए इस अभियान से शाजापुर और उसके आसपास के क्षेत्रों के किसानों को बड़ी राहत मिली है। इसके सफल परिणाम से फसल के नुकसान की घटनाओं में कमी भी आई है। साथ ही इससे इन अभयारण्यों में चीता, शेर, आदि जैसे शिकारी जानवरों के लिए शिकार भी बढ़ा है। विशेष रूप से गांधी सागर अभयारण्य मे, जिसे चीतों के दूसरे घर के रूप में तैयार किया जा रहा है।
Author Profile

Latest entries
UncategorizedDecember 25, 2025पेंच की बाघिन का ‘हवाई सफर’….
UncategorizedDecember 23, 2025JU में जैवविविधता और जलवायु परिवर्तन पर दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ
UncategorizedDecember 20, 2025हरदा बालाघाट के बांस के फर्नीचर एवं सजावट के सामान को लोगों ने सराहा
UncategorizedDecember 18, 2025सांभर झील का ‘गुलाबी अवतार’
