अजमेर (राजस्थान)
बीते सोमवार को राजस्थान के अजमेर जिले के पीसांगन इलाके से हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाले एक अत्यंत दुर्लभ और विशालकाय हिमालयन ग्रिफॉन गिद्ध को बचाया गया। यह पक्षी अपने प्राकृतिक आवास से हजारों किलोमीटर दूर भटककर यहां पहुंच गया था, जहां स्थानीय लोगों की सूचना पर वन विभाग और एनिमल रेस्क्यू टीम ने तत्परता दिखाते हुए उसका सफल रेस्क्यू किया।
दस दिनों से भटक रहा था गिद्ध
यह दुर्लभ गिद्ध पिछले लगभग 10 दिनों से पीसांगन के ग्रामीण इलाकों में भटक रहा था। स्थानीय निवासियों ने जब इस विशाल पक्षी को देखा, तो वे हैरान रह गए, क्योंकि आमतौर पर ऐसे गिद्ध इस क्षेत्र में नहीं देखे जाते हैं। पक्षी कुछ कमजोर लग रहा था और उड़ने में असमर्थ था, जिसके बाद जागरूक नागरिकों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी। वन विभाग की टीम और स्थानीय एनिमल रेस्क्यू दल तुरंत मौके पर पहुंचे और गिद्ध को सुरक्षित पकड़ लिया।
पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है यह गिद्ध
रेस्क्यू किए गए गिद्ध की पहचान एक संकटग्रस्त प्रजाति के हिमालयन ग्रिफॉन वल्चर के रूप में हुई है, जो एशिया के सबसे बड़े गिद्धों में से एक है। इस पक्षी के पंखों का फैलाव लगभग 7 फुट है और इसका वजन लगभग 9 किलोग्राम मापा गया है। यह पक्षी तिब्बती पठार और हिमालय के पहाड़ी इलाकों का मूल निवासी है, जो आमतौर पर 600 से 4,500 मीटर तक की ऊंचाई पर रहता है।
प्रारंभिक जांच में गिद्ध शारीरिक रूप से कमजोर पाया गया था, संभवतः लंबी यात्रा और भोजन की कमी के कारण। वन अधिकारियों के अनुसार, पक्षी के स्वास्थ्य की स्थिति अब स्थिर है और पशु चिकित्सकों की देखरेख में उसका उपचार और देखभाल की जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गिद्ध के पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद, उसे उसके प्राकृतिक आवास के करीब या किसी उपयुक्त स्थान पर वापस छोड़ दिया जाएगा।

आखिर क्यों भटक गया होगा यह गिद्ध?
विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों के मौसम में, भोजन की तलाश या खराब मौसम की वजह से हिमालयी गिद्ध कभी-कभी निचले इलाकों या मैदानी क्षेत्रों की ओर पलायन कर जाते हैं। हालांकि, राजस्थान जैसे शुष्क क्षेत्र में इनका पहुंचना काफी असामान्य है।
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