राष्ट्रीय वन शहीद दिवस: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिया शहीद वन कर्मचारियों को विनम्र श्रद्धांजलि, परिजनों को दी गई 1-1 लाख की अतिरिक्त सहायता राशि

भोपाल(मध्य प्रदेश)

राष्ट्रीय वन शहीद दिवस(11 सितंबर) वन एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले कर्मचारियों को अर्पित है। गुरुवार को भोपाल स्थित वन भवन मे, वन शहीद दिवस मनाया गया जिसमे वन राज्यमंत्री श्री दिलीप अहिरवार सहित अन्य लोग शामिल रहें। राज्य वन शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पण कर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके त्याग और समर्पण को याद किया गया। साथ ही साथ उनके परिजनों को 1-1 लाख रुपए का अतिरिक्त चेक भी प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री ने शहीदों को दी विनम्र श्रद्धांजलि

इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहीद हुए वन कर्मचारियों को याद करते उन्हे श्रद्धांजलि दी और उनके त्याग और समर्पण को प्रेरक माना। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सुरक्षा श्रमिक स्व. नागेंद्र सिंह, वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व सागर के वनपाल स्व. फूलसिंह रजक और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के स्थायी कर्मचारी स्व. हरिराम धुर्वे अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए शहीद हो गए। उन्होने यह भी कहा कि राज्य सरकार शहीद वनकर्मियों के परिजन के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार द्वारा शहीद वनकर्मियों के परिवारों को सहायता राशि के अतिरिक्त टाइगर फाउंडेशन सोसाइटी द्वारा 1-1 लाख रुपए की अतिरिक्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

वन राज्यमंत्री ने वन शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पण कर किया शहीदों को याद, सौंपे 1-1 लाख रुपए के चेक

वन राज्यमंत्री श्री दिलीप अहिरवार ने राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के अवसर पर भोपाल स्थित वन भवन में राज्य वन शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पण कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और वनों और वन्य जीवों की रक्षा करते हुए उनके त्याग और समर्पण को याद किया। अपने कर्त्तव्य का निर्वहन करते हुए उन्होंने शहीदों के परिवारजनों को 1-1 लाख रुपए के चेक सौंपे। इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री वी.एन. अम्बाडे, एवं समस्त विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

वन एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए कर्मचारियों के त्याग और समर्पण पर सभी को गर्व

अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए शहीद हुए इन वनकर्मियों का त्याग और समर्पण हमारे लिए प्रेरणादायक है। वनों और वन्य जीवों की रक्षा करते हुए इन्होने अपने प्राण की आहूति देदी जिसपर सभी को गर्व है और उनके इस बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।

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The Forest Times
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