वन्यजीव संरक्षण के लिए आयोजित किया गया ग्लोबल वाइल्डलाइफ फेयर 2025

नई दिल्ली

भारत का पहला वैश्विक वन्यजीव मेला (ग्लोबल वाइल्डलाइफ फेयर) 10 से 12 अक्टूबर 2025, तक नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया मे आयोजित किया गया। इस तीन दिवसीय मेले का आयोजन वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) और एशियन इकोटूरिज्म नेटवर्क (AEN) के संयुक्त सहयोग से किया गया, जिसका उद्देश्य देश मे वन्यजीव संरक्षण और इकोटूरिज्म को बढ़ावा देना था।

वन्यजीव संरक्षण है इसका मुख्य उद्देश्य

मेले का उद्घाटन 10 अक्टूबर, 2025 को दिल्ली के संस्कृति और पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने किया। इस दौरान उन्होंने राजधानी की समृद्ध जैव विविधता और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया। इस मेले का मुख्य लक्ष्य वन्यजीव पर्यटन ऑपरेटरों, गैर-सरकारी संगठनों (NGO), स्थानीय समुदायों, सरकारी एजेंसियों और संरक्षण के प्रति समर्पित लोगों सहित विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर लाना था। साथ ही इस मेले मे वन्यजीव संरक्षण के लिए धन भी जुटाया गया। मेले के दौरान यह संदेश भी दिया गया कि प्रकृति के संरक्षण से न केवल वन्यजीवों का कल्याण होता है, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी स्थायी आजीविका मिलती है।

मेले की प्रमुख गतिविधियाँ

मेले मे आयोजित की गई कई गतिविधियां –

प्रदर्शनियाँ : विभिन्न राज्यों और देशों के मंडपों ने अपनी समृद्ध जैव विविधता और अनूठे इको-टूरिज्म उत्पादों को प्रदर्शित किया। इसमें उत्तर प्रदेश का मंडप विशेष रूप से आकर्षक रहा, जिसने राज्य के जंगलों और दुधवा टाइगर रिजर्व जैसे क्षेत्रों की प्राकृतिक संपदा को उजागर किया।

कार्यशालाएँ और सेमिनार: विशेषज्ञों के नेतृत्व में कई कार्यशालाएँ आयोजित हुईं, जहाँ प्रतिभागियों को प्राकृतिक इतिहास, इकोटूरिज्म की तकनीकें और संरक्षण के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई।

फोटोग्राफी और कला प्रदर्शनियाँ: वन्यजीव फोटोग्राफरों और कलाकारों के लिए एक खास मंच तैयार किया गया था, जहाँ उन्होंने अपनी अद्भुत कलाकृतियों और तस्वीरों को प्रदर्शित किया। वन्यजीव फोटोग्राफी प्रतियोगिता ने भी दर्शकों का ध्यान खींचा।

नेटवर्किंग सत्र: मेले में बी2बी नेटवर्किंग डिनर जैसे विशेष सत्र रखे गए, जहाँ वन्यजीव पर्यटन के क्षेत्र से जुड़े पेशेवर नए व्यावसायिक संबंध बना सके।

सांस्कृतिक कार्यक्रम: शाम के समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, जिसमें कला और शिल्प प्रदर्शनियाँ भी शामिल थीं, जो प्रकृति और संस्कृति के बीच गहरे संबंध को दर्शाती थीं।

पुरस्कार समारोह: उन व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया गया जिन्होंने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किए हैं।

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The Forest Times
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