सात साल के लंबे अंतराल के बाद कॉर्बेट और राजाजी में हाथी सफारी फिर से शुरू

देहरादून (उत्तराखंड)

उत्तराखंड के वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक रोमांचक खबर है। सात लाल के एक लंबे इंतजार के बाद जिम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व और राजाजी टाइगर रिज़र्व मे हाथी सफारी को एक बार फिर से शुरू कर दिया गया है।

सोमवार को राजाजी टाइगर रिज़र्व के चिल्ला रेंज मे इसका उद्घाटन किया गया, वही जिम कॉर्बेट मे यह सुविधा दिसंबर के पहले हफ्ते से शुरू होने की उम्मीद है। इससे पहले राज्य हाई कोर्ट द्वारा इसपर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसे अब बहाल कर दिया गया है।

सात साल का एक लंबा इंतजार हुआ खत्म

इन दोनो बाघ अभयारण्यों मे एक लंबे अंतराल (सात साल) के बाद हाथी सफारी को फिर से शुरू किया गया है। यह फैसला 3 अगस्त 2018 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा लिया गया था, जिसमे हाथियों के व्यावसायिक उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के कारण इन दोनों प्रमुख टाइगर रिज़र्व में हाथी सफारी को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था।

हाल ही में कानूनी जटिलताओं को सुलझाने के बाद, उत्तराखंड वन्यजीव सलाहकार परिषद ने हाथी सफारी फिर से शुरू करने का प्रस्ताव रखा, जिसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल ने अनुमोदित कर दिया। जिसके बाद मुख्य वन्यजीव वार्डन, रंजन कुमार मिश्रा ने दोनों पार्कों के निदेशकों को सफारी फिर से शुरू करने के निर्देश जारी किए।

राजाजी टाइगर रिज़र्व में रोमांचक शुरुआत

राजाजी टाइगर रिज़र्व के निदेशक कोको रोज़ ने बताया कि चिल्ला रेंज में दो मादा हाथियों – राधा और रंगीली का उपयोग सफारी के लिए किया जाएगा। पर्यटकों को लगभग 2 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर डेढ़ घंटे की सैर कराई जाएगी। प्रत्येक हाथी दिन में अधिकतम दो सफारी ही करेगा। इस पहल से उन क्षेत्रों को देखने का मौका मिलेगा जहां जिप्सी नहीं जा सकतीं, जिससे पर्यटकों का अनुभव और समृद्ध होगा।

कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में दिसंबर से होगी शुरू

कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में हाथी सफारी ढिकाला और बिजरानी ज़ोन में फिर से शुरू होगी। पार्क निदेशक साकेत बडोला ने बताया कि यहां तीन हाथियों – आशा, अलबेली और रानी को सफारी के लिए तैनात किया जाएगा। सफारी के मार्ग तैयार किए जा रहे हैं और दिसंबर के पहले सप्ताह से पर्यटक इस रोमांच का आनंद ले सकेंगे।

शुल्क और अन्य विवरण

हाथी सफारी के लिए टिकट की कीमतें निर्धारित की गई हैं:

भारतीय पर्यटक- ₹1,000 प्रति व्यक्ति (दो घंटे की सफारी के लिए)।

विदेशी पर्यटक- ₹3,000 प्रति व्यक्ति (दो घंटे की सफारी के लिए)।

एक हाथी पर बच्चों सहित अधिकतम पाँच लोग बैठ सकते हैं। सफारी का समय जिप्सी सफारी के समय के अनुसार सुबह और शाम को संचालित किया जाएगा।

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The Forest Times
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