विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश)
बीते सोमवार को आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली जिले के तट पर एक विशालकाय मृत व्हेल मछली का क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया। शव को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता था कि उनकी मौत कुछ दिन पहले हुई थी। एक बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से आंध्र प्रदेश के तटों से ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और जनजीवन संरक्षण पर सवाल उठाती है।
घटना का विवरण
मिली जानकारी के अनुसार यह घटना सोमवार रात की बताई जा रही है। जब कुछ मछुआरे मछली पकड़ने के लिए समुद्र तट पर गए, जहां उन्होंने विशालकाय मृत व्हेल को समुद्री के किनारे पर पड़ा देखा। सुबह होते-होते यह खबर पूरे क्षेत्र में फैल गई और लोगों की भीड़ इस विशाल जीव को देखने के लिए उमड़ने लगी। रिपोर्ट के अनुसार, इस व्हेल की लंबाई लगभग 25 से 30 फीट थी, और उसका वजन लगभग 40 टन तक का है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह संभवतः ब्राइड्स व्हेल (Balaenoptera edeni) थी, जो उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जल में पाई जाती है।
मौत का कारण
हालांकि व्हेल की मौत का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे कई संभावित वजहें हो सकती हैं। समुद्री जीवविज्ञानियों का मानना है कि व्हेल की मौत मछली पकड़ने के जाल में फंसने, जहाजों से टकराने या प्राकृतिक कारणों से हो सकती है। कुछ मामलों में, जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्री तापमान में बदलाव भी इन जीवों के भटकाव और मौत का कारण बन सकता है। सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमएफआरआई) के विशेषज्ञों ने वीडियो और तस्वीरों की जांच की है ताकि मौत के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके।
समुद्री संरक्षण पर चिंता
इस घटना ने एक बार फिर समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की नाजुकता और समुद्री जीवन पर मानव गतिविधियों के बढ़ते प्रभाव पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पिछले कुछ सालों में आंध्र प्रदेश के तटों पर इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं। साल 2023 में श्रीकाकुलम के तट पर एक ब्लू व्हेल का शव भी मिला था, जिससे समुद्री प्रदूषण और अन्य खतरों पर चिंताएं बढ़ गई थीं। ये घटनाएं इस बात की याद दिलाती हैं कि समुद्र में प्रदूषण, जैसे प्लास्टिक और कचरा, समुद्री जीवों के जीवन के लिए एक बड़ा खतरा है।
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