गुवाहाटी (असम)
हाल ही मे असम के प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व मे संपन्न हुए कटी बिहू पक्षी गणना में 146 पक्षी प्रजातियों की पहचान की गई है। इस सर्वेक्षण में कुल 1,919 पक्षी दर्ज की गई, जिनमें दो लुप्तप्राय प्रजातियां भी शामिल थीं। 18 अक्टूबर को आयोजित यह गणना असम बर्ड मॉनिटरिंग नेटवर्क के सहयोग से कराई गई।
इस सर्वेक्षण की सबसे अहम बात यह रही कि इस प्रकिया मे महिला कर्मचारियो मे बढ-चढ कर अपना योगदान दिया।काजीरंगा में पक्षियों की बढ़ती संख्या और विविधता निरंतर संरक्षण प्रयासों के सकारात्मक परिणाम को दर्शाती है। काजीरंगा न केवल एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह बाघ, हाथी और दलदली हिरणों जैसी कई अन्य प्रजातियों का भी घर है।
सर्वेक्षण का विवरण
काटी बिहू एक महत्वपूर्ण असमिया त्योहार है, जो फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। इस मौके पर आयोजित यह पक्षी गणना क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता को उजागर करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह पक्षी सर्वेक्षण काजीरंगा और उसके आसपास के पांच प्रमुख स्थानों पर किया गया। इनमें पनबारी रेंज, लाओखोवा वन्यजीव अभयारण्य और बिस्वनाथ वन्यजीव प्रभाग के तहत पानपुर और गामिरी रेंज जैसे क्षेत्र शामिल थे। इस सर्वेक्षण में पक्षी प्रेमियों, छात्रों, शोधकर्ताओं और वन अधिकारियों सहित कुल 63 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों की उपस्थिति
इस सर्वेक्षण मे दो लुप्तप्राय पक्षी प्रजातियों की उपस्थिति दर्ज की गई। सर्वेक्षण में पहचान की गई 146 प्रजातियों में से दलदली घास बब्बलर (स्वेम्प ग्रास बब्बलर) जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों को भी देखा गया। यह उन पक्षियों में से एक है जो ब्रह्मपुत्र के बाढ़ के मैदानों की आर्द्रभूमि और घास के मैदानों में पाए जाते हैं। दलदली घास बब्बलर के अलावा, बंगाली फ्लोरिकन (क्रिटिकली एंडेंजर्ड), फिन का वीवर (एंडेंजर्ड), और कई अन्य संवेदनशील प्रजातियों को भी पहले के सर्वेक्षणों में दर्ज किया गया था, जो काजीरंगा के पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व को दर्शाते हैं।
संरक्षण का बढ़ता महत्व
यह सर्वेक्षण काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व के लिए वन्यजीवों की स्थिति का आकलन करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पक्षी निगरानी को मजबूत करने, संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने और स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। इस तरह की गणनाएं पार्क के समृद्ध जैव-विविधता वाले पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती हैं।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान अपनी लुप्तप्राय प्रजातियों और विविध घास के मैदानों के लिए जाना जाता है, जो पक्षियों के लिए एक आदर्श आवास प्रदान करते हैं। इस सर्वेक्षण ने फिर से काजीरंगा के घास के मैदानों के महत्व को उजागर किया है, जो पक्षियों की कई प्रजातियों को आश्रय देते हैं।
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