जलवायु परिवर्तन की वैश्विक समस्या पर सामूहिक विमर्श करने और दुनिया में इस समस्या के निदान में भारत की सोच को मजबूत करने में राज्यों की भूमिका पर विचार करने हेतु भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश पर्यावरण संरक्षण, नर्मदा संरक्षण और जैव विविधता के संरक्षण के लिए नयी पहल और नवाचार के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन दर्शन में जलवायु संकट के समाधान सूत्र विद्यमान है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में मिशन लाइफ सहित सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों को पूरी दुनिया में सराहा जा रहा है।
यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, EPCO एवं राज्य नीति आयोग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। सामाजिक संस्था नर्मदा समग्र, सिकोईडिकोन एवं पैरवी इस आयोजन के सह आयोजक थे। पर्यावरण और जीवन शैली विषय को केंद्र में रखकर आयोजित की गई इस संगोष्ठी में जलवायु परिवर्तन और सतत विकास से जुड़े विभिन्न विषयों पर सत्रों का आयोजन किया गया जिनमें वैज्ञानिकों, सरकारी अधिकारियों, सामाजिक संस्थाओं और जन संगठनों ने प्रस्तुतियों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन का सामना करने में राज्यों की भूमिका पर विचार व्यक्त किए।
अंतरिक्ष उपयोग केंद्र अहमदाबाद इसरो के वैज्ञानिक डॉक्टर मेहुल पंडया ने सैटेलाइट तकनीकी के माध्यम से ग्रीन हाउस गैस की उत्सर्जन की मात्रा को दर्शाने वाले उपग्रह चित्रों के माध्यम से अपनी बताया कि किस प्रकार हम ग्रीन हाउस गैसो के उत्सर्जन की सही स्थिति ज्ञात कर सकते हैं।
जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर ने मध्य प्रदेश के आगामी विजन पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हमें पुनः अपनी परम्परा की तरफ लौटना होगा जो धरती को मां के रूप में देखती है और पेड़ पौधे और प्राकृतिक संसाधनों में देवी देवताओं के दर्शन करती है। उन्होंने कहा कि प्रकृति से जुड़ाव हमारी संस्कृति की पहचान रही है, आज बाजारवाद के कारण हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं।
संगोष्ठी में भारत सरकार के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव का वीडियो संदेश भी दिखाया गया जिसमें उन्होंने आयोजकों को बधाइयां देते हुए कहा कि भारत ने हमेशा वैश्विक मंचों पर जलवायु परिवर्तन के समाधान की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दुनिया के देशों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नवाचारों और सुझावों को गंभीरता से लिया है। इस अवसर पर यूनाइटेड नेशन्स एनवायरनमेंट प्रोग्राम में भारत के अध्यक्ष डॉ बालकृष्ण पीसुपति का वीडियो संदेश भी सुनाया गया।
कार्यक्रम के अंत मे सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ अनिल कोठारी ने कहा कि इस संगोष्ठी से निकले सुझावों और चर्चाओं का संकलन कर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी जिसे ब्राजील में जलवायु परिवर्तन पर नवंबर में होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन कॉप 30 मे जारी किया जाएगा। नर्मदा समग्र के डॉ कार्तिक सप्रे ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस संगोष्ठी से निकले सुझावों के आधर पर आगामी एक वर्ष के लिए कार्य करने के विचार सूत्र मिलेंगे। इस कार्यक्रम में करीब 300 लोगों ने भागीदारी की।
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