पीलीभीत (उत्तर प्रदेश)
पीलीभीत टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र 1 नवंबर 2025 को शुरू हो गया है, जिसमें इस बार पर्यटकों के लिए कई नई सुविधाएँ और रोमांचक अनुभव शामिल किए गए हैं। हालांकि, सत्र के पहले ही दिन एक बाघ द्वारा सफारी वाहन पर हमला करने की घटना ने सुरक्षा नियमों पर सवाल भी खड़ा करता है।
हवन-पूजन कर किया गया पर्यटन सत्र का उद्घाटन
इस बार पर्यटन सत्र निर्धारित समय से 15 दिन पहले शुरू किया गया। उत्तर प्रदेश के वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने नए बराही गेट पर हवन-पूजन के बाद सत्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर स्कूली बच्चों को नि:शुल्क सफारी भी कराई गई। पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से एक नया सफारी पॉइंट और मार्ग भी खोला गया है। नए बुकिंग काउंटर, हट्स की एडवांस बुकिंग और ऑनलाइन सफारी स्लॉट की सुविधा ने पर्यटकों के लिए प्रक्रिया को और आसान बना दिया है।
सत्र के पहले ही दिन बाघ ने किया जिप्सी सफारी पर हमला
सत्र के पहले दिन पूरनपुर के एक परिवार सहित पर्यटकों से भरी एक जिप्सी सफारी पर चूका बीच के पास एक बाघ ने अचानक हमला कर दिया। बाघ झाड़ियों से निकलकर सीधे वाहन की ओर दौड़ा और उसने जिप्सी पर पंजा मारा। इस दौरान पर्यटक बुरी तरह घबरा गए। हालांकि, सफारी चालक की सूझबूझ और तत्परता से वाहन को तेजी से भगा लिया गया, जिससे सभी पर्यटक बाल-बाल बच गए। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें बाघ का आक्रामक व्यवहार साफ देखा जा सकता है।

प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल
इस घटना ने वन विभाग के सुरक्षा दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उद्घाटन समारोह के दौरान राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के नियमों की कथित तौर पर खुलेआम धज्जियां उड़ाई गईं, जब दर्जनों निजी वाहन सफारी वाहनों की आड़ में बिना रोक-टोक जंगल में दाखिल हो गए, जो अभयारण्य की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है।
वही, इस घटना के बाद वन विभाग ने पर्यटकों से अपील की है कि वे जंगल सफारी के दौरान अत्यधिक सतर्क रहें और सभी सुरक्षा नियमों का पालन करें ताकि ऐसी अप्रिय घटनाओं से बचा जा सके।
पीटीआर की लोकप्रियता और आकर्षण
बाघ संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान के लिए TX2 पुरस्कार से सम्मानित पीलीभीत टाइगर रिजर्व अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यहां के साल के घने जंगल, लंबी घास के मैदान, और शारदा व चूका जैसी नदियाँ इसे ‘मिनी गोवा’ का उपनाम देती हैं। यहां 71 से अधिक बाघों के अलावा, चीतल, तेंदुआ, सांभर, नीलगाय और दुर्लभ जीवों को भी देखा जा सकता है।
पर्यटन का आदर्श समय नवंबर से जून तक माना जाता है, जब मौसम सुहावना होता है और वन्यजीवों के दीदार की संभावना अधिक होती है। चूका बीच के थारू और ट्री हट्स पर्यटकों के बीच खासे लोकप्रिय हैं और अक्सर महीनों पहले ही बुक हो जाते हैं। इस बार सप्त सरोवर को भी एक नए पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है, जहाँ पर्यटक ठहरने का आनंद ले सकते हैं।
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