हाथियों की मौत पर वन मंत्री ने दिए सख्त जांच के आदेश

बेंगलुरु (कर्नाटक)

रविवार को कर्नाटक के बेलगावी जिले के खानापुर वन क्षेत्र के पास दो जंगली हाथियों की बिजली के झटके से हुई दुखद मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। इस गंभीर घटना पर संज्ञान लेते हुए कर्नाटक के वन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्री, ईश्वर बी. खंड्रे ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे पांच दिनों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें और दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

तारो के संपर्क में आकर हुयीं थी हाथियों की मौत

यह घटना रविवार को बेलगावी जिले के खानापुर के पास सुलैगली गांव में हुई। मिली जानकारी के अनुसार एक हाथियों का एक झुंड भोजन की तलाश में गन्ने और धान के खेतों के पास आया था। इसी दौरान झुंड के दो हाथी, किसानों द्वारा उनके खेत की सुरक्षा के लिए लगाए गए हेस्कॉम की बिजली के तारों के संपर्क में आ गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

मंत्री ने घटना पर जल्द से जल्द जांच करने का दिया आदेश

इस घटना पर संज्ञान लेते हुए वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने इसे “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया है और जल्द से जल्द इसपर जांच करने का आदेश दिया है। उन्होंने घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि क्षेत्र में हाथियों की मौजूदगी के बावजूद वन अधिकारियों ने आवश्यक सावधानी नहीं बरती और लापरवाही दिखाई, जिसके कारण यह घटना घटी।

उन्होंने मुख्य वन्यजीव वार्डन को इस मामले की गहन जांच करने का निर्देश दिया है और जल्द से जल्द आरोपी को पकडने का आदेश दिया है, जिसके आगे भविष्य मे ऐसी घटनाये ना हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि जांच में वन विभाग के किसी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले भी घट चुकी है ऐसी घटनाएँ

यह इस तरह की पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी ओडिशा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में हाथियों की अप्राकृतिक मौतों के मामले सामने आ चुके हैं। ओडिशा सरकार ने भी पिछले साल 50 हाथियों की संदिग्ध मौतों की जांच के आदेश दिए थे।

कर्नाटक की इस ताजा घटना ने वन्यजीव कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। उन्होंने मांग की है कि न केवल हाथियों की मौत के लिए जिम्मेदार किसानों के खिलाफ कार्रवाई हो, बल्कि वन विभाग के उन अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाए, जो अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे।

वन विभाग हाथियों के शवों का पोस्टमार्टम कर रहा है और आगे की जांच जारी है। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर ही भविष्य की कार्रवाई तय होगी। सरकार वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इस मामले को गंभीरता से ले रही है।

मानव-वन्यजीव संघर्ष का बढ़ता मुद्दा

यह घटना एक बार फिर मानव-वन्यजीव संघर्ष के गंभीर मुद्दे को उजागर करती है। हाथियों के प्राकृतिक आवासों में कमी और उनके भोजन मे कमी के कारण, हाथी अक्सर भोजन और पानी की तलाश में मानव बस्तियों और कृषि क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं। किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए कई बार अवैध और खतरनाक तरीके अपनाते हैं, जैसे कि बिजली की बाड़ लगाना या लाइव तार बिछाना, जो अक्सर हाथियों और अन्य वन्यजीवों की मौत का कारण बनते हैं।

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The Forest Times
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