तामेंगलोंग (मणिपुर)
मणिपुर के तामेंगलोंग जिले मे सोमवार को सैटेलाइट ट्रांसमीटर से टैग किए तीन अमूर फाल्कन (अप्पापांग, आहू और अलंग अखुआइपुइना/ताओमुआनपुई) को चिउलुआन बसेरा स्थल मे छोड़ा गया। अमूर फाल्कनों को पकड़ने, टैग करने और छोड़ने की यह प्रकिया तामेंगलोंग वन प्रभाग, वन विभाग मणिपुर और भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के सहयोग से किया गया।
इस कार्यक्रम मे खारीबाम हिटलर सिंह, डॉ. सुरेश कुमार, जोएल गंगमेई, डॉ. सुरेश कुमार जॉनसन, श्री देवव्रत मोरी, श्री रामहियामंग गोनमेई, मोर्दकै पानमेई, चिउलुआन गाँव के स्वयंसेवक, और प्रभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।

तीन अमूर बाज़ों की पीठ पर लगाया गया सैटेलाइट ट्रांसमीटर
इस प्रकिया के लिए टीम ने दस अमूर बाज़ों को पकड़ा। जिसमें से तीन अमूर बाज़ों को चुनकर उनकी पीठ पर टाइफ़्लॉन रिबन के साथ सैटेलाइट ट्रांसमीटर को लगाया गय। प्रत्येक टैग का वज़न लगभग 3.5 ग्राम था।
पहला अमूर बाज़ नर है, जिसका नाम “अपापांग” रखा गया है, दूसरा और तीसरा पक्षी मादा है, जिसका नाम “आहू” और “अलंग” रखा गया है। इन पक्षियों को सोमवार शाम लगभग 4 बजे चिउलुआन गाँव के स्वयंसेवकों के नेता श्री डिंगसुंग गंगमेई और सभी टीम सदस्यों की उपस्थिति में चिउलुआन बसेरा स्थल मे छोड़ा गया।

अमूर बाज़ की सुरक्षा मे किए गए है खास इंतजाम
मणिपुर सरकार के नोनी ज़िला मजिस्ट्रेट कार्यालय ने प्रवासी पक्षियों (विशेष रूप से अमूर बाज़ जिन्हें स्थानीय रूप से ‘अखुआइपुइना’ कहा जाता है) की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए है। इनके प्रवासिय आगमन को देखते हुए उनके सुरक्षित मार्ग और बसेरा को सुनिश्चित करने का काम किया गया है। इसके साथ ही अमूर बाज़ों सहित अन्य प्रवासी पक्षियों के शिकार, पकड़ने, मारने और बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
यह आदेश वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 50 और 51 के तहत जारी किया गया है, जो नोनी ज़िले और उसके आसपास के क्षेत्रों में तुरंत लागू कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, ज़िले की सभी एयर गनों को 15 नवंबर, 2025 तक संबंधित ग्राम प्राधिकारियों के पास जमा करने का आदेश दिया गया है। जिसे 30 नवंबर, 2025 तक या अमूर बाज़ों के अंतिम झुंड के चले जाने तक जमा ही रखा जाएगा।

अमूर बाजों की रक्षा करना है हमारा कर्तव्य
इस आदेश के अंतर्गत निम्नलिखित गाँव आते हैं: लोंगमाई, रेंगखुंग, अवांगखुल, ताओबाम, खोंगसांग, रेंगपांग, नुंगबा, कांबिरोन, खुमजी, नागाचिंग, काबुई-खुलेन, पुइची, बकवा, हाओचोंग और नोनी जिले के अन्य निकटवर्ती क्षेत्र।
सभी संबंधित अधिकारियों और निवासियों को इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।आइए हम सभी अपने सम्मानित पंख वाले मेहमानों, अमूर फाल्कन की रक्षा के लिए हाथ मिलाएँ और वन्यजीव संरक्षण के प्रति मणिपुर की प्रतिबद्धता को बनाए रखें।
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- A dedicated forest journalist passionate about uncovering the hidden stories of nature, wildlife, and conservation. Through vivid storytelling and on-ground reporting, they bring attention to the delicate balance between human activity and the natural world, inspiring awareness and action for a sustainable future.
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