बाघ क्षेत्र के 1242 सागौन के पेड़ काटे गए, रिपोर्ट में केवल 356 दिखाए गए ; मध्य प्रदेश में वन विभाग पर गंभीर आरोप

भोपाल (मध्य प्रदेश)

मध्य प्रदेश में एक बार फिर वन विभाग पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। नरसिंहपुर वन मंडल के केशला बीट में बाढ़ क्षेत्र के अंदर 1242 सागौन (Teak) के पेड़ काटे जाने का मामला सामने आया है। चौंकाने वाली बात यह है कि विभागीय रिपोर्ट में केवल 356 पेड़ों के कटने का जिक्र किया गया, जबकि मौके पर चार गुना अधिक पेड़ों के ठूंठ मिले।

भास्कर इन्वेस्टिगेशन का खुलासा

दैनिक भास्कर की जांच में पाया गया कि इस बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई का मामला एक साल तक दबाया गया। रिपोर्ट में हेरफेर कर छोटे कर्मचारियों को दोषी बताया गया, जबकि बड़े अधिकारियों की भूमिका पर पर्दा डाल दिया गया।

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, बाढ़ क्षेत्र में 2.82 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सागौन के घने पेड़ थे। यह इलाका इको-संवेदनशील जोन में आता है, जहां बिना अनुमति पेड़ काटना सख्त मना है।

दो बड़ी घटनाओं से खुली अफसरों की भूमिका

3 अक्टूबर 2024 को लकड़ी से भरा ट्रक (MP04-यA-8880) भागते पकड़ा गया। जांच में सामने आया कि पेड़ों की अवैध कटाई कर लकड़ी बाहर भेजी जा रही थी।

14 नवंबर 2024 को वन क्षेत्र में कटे हुए ठूंठ पाए गए। उच्चाधिकारियों की टीम ने जब साइट का दौरा किया तो असली संख्या सामने आई — 1242 पेड़।

डीएफओ की रिपोर्ट पर सवाल

रिपोर्ट में बताया गया कि 356 पेड़ काटे गए, जबकि हकीकत में यह संख्या चार गुना अधिक थी। राज्य अनुशासन समिति ने इस पर गंभीर आपत्ति जताते हुए कहा कि जांच में “जानबूझकर आंकड़े कम दिखाए गए” ताकि वरिष्ठ अफसरों की जिम्मेदारी न तय हो।

सरकार और प्रशासन पर उठे सवाल

पर्यावरण विशेषज्ञों ने इसे “संरक्षित वन क्षेत्र में संगठित अवैध कटाई” करार दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि “यह सिर्फ पेड़ों की चोरी नहीं, बल्कि पर्यावरण और वन संपदा के खिलाफ अपराध है।”

प्रदेश सरकार ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश तो दिए हैं, लेकिन अब तक किसी वरिष्ठ अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई है।

पर्यावरण की कीमत पर लापरवाही

मध्यप्रदेश के जंगल लगातार अवैध कटाई और खनन के कारण सिकुड़ रहे हैं। ऐसे में जब सरकारी विभाग ही आंकड़े छिपाए, तो वन संरक्षण की नीतियों पर भरोसा कैसे बचेगा?

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Prashant Meshram
Prashant Meshram
Head Journalist balancing management of the news desk with hands-on reporting for theforesttimes.com.

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