इंदौर जू में जानवरों को ठंड से बचाने के लिए किए गए खास इंतजाम, लगाए गए बल्ब और हीटर

इंदौर (मध्यप्रदेश)

ठंड के प्रकोप से केवल इंसान ही नहीं, बल्कि जानवर भी प्रभावित होते हैं। इसी को देखते हुए इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में चिड़ियाघर प्रशासन द्वारा जानवरों को ठंड से बचाने के लिए खास इंतजाम किए गए है। चिड़ियाघर में रहने वाले लगभग 175 प्रजातियों के 1350 से अधिक जानवरों को ठंड से बचाने के लिए उनके बाड़ों में हीटर, बल्ब, और गर्म कंबल जैसी पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं।

क्या-क्या किए गए है इंतज़ाम

हीटर और बल्ब- बाघ, शेर, भालू और ठंडे खून वाले जीवों जैसे सांपों के बाड़ों में गर्माहट बनाए रखने के लिए हीटर और 100 वॉट के बिजली के बल्ब लगाए गए हैं। ये उपकरण सुबह-शाम सक्रिय रहेंगे, जिससे जानवरों को ठंड से राहत मिलती है।

तापमान नियंत्रण- सांपों के पिंजरों में लकड़ी के बक्सों में बल्ब लगाए गए हैं और तापमान मापने के लिए घड़ियां भी लगाई गई हैं, ताकि आदर्श तापमान सुनिश्चित किया जा सके।

लगाई गई है लकड़ी की पट्टियां- जानवरों को फर्श के सीधे संपर्क से बचाने के लिए लकड़ी के पटिये बिछाए गए हैं। इसके अलावा, पिंजरों में कंबल और सूखी घास को भी बिछाया गया है।

पिंजरों की सुरक्षा- ठंडी हवाओं को सीधे अंदर आने से रोकने के लिए पक्षियों और जानवरों के पिंजरों को पर्दों से ढका गया है।

खान-पान मे भी किया गया है बदलाव

ठंड से बचाने के लिए जानवरों को खास इंतजाम के साथ-साथ उनके डाइट मे भी गर्म चीजों को किया गया है शामिल। जिसमे ठंड के मौसम में जानवरों की ऊर्जा और शरीर की गर्मी बनाए रखने के लिए मांसाहारी जानवरों और पक्षियों को अंडे दिए जा रहे हैं, जबकि शाकाहारी जानवरों को मौसमी सब्जियां, फल, बीन्स और हरा चारा दिया जा रहा है। भालुओं को बादाम, गुड़ और शहद भी दिया जाता है।

पशु चिकित्सकों द्वारा नियमित रूप से किया जा रहा जांच

चिड़ियाघर के सभी जानवरों की नियमित रूप से पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा जांच की जाएगी, ताकि किसी भी स्वास्थ्य समस्या को समय रहते पहचाना और उसका इलाज किया जा सके।

चिड़ियाघर के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि ये सभी व्यवस्थाएं जानवरों को सर्दी के प्रतिकूल प्रभावों से बचाने और उन्हें आरामदायक वातावरण प्रदान करने के लिए की गई हैं।

दिन के समय जानवर धूप का आनंद लेते हैं, जबकि रात में उन्हें कृत्रिम गर्मी प्रदान की जाती है। इन उपायों से यह सुनिश्चित किया जाता है कि कड़ाके की ठंड का जानवरों के स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक असर न पड़े।

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The Forest Times
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