जामनगर (गुजरात)
संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्था, ‘कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एंडेंजर्ड स्पीशीज ऑफ वाइल्ड फौना एंड फ्लोरा’ (CITES) ने भारत के अग्रणी वन्यजीव संरक्षण और बचाव केंद्र ‘वनतारा’ को वैश्विक मान्यता दी है।
CITES ने इस परियोजना को वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में ‘उत्कृष्टता का एक वैध और वैश्विक केंद्र’ बताया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की संरक्षण पहल की सराहना हो रही है।
मुख्य बिंदु
●क्लीन चिट और वैश्विक समर्थन- उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित CITES की 20वीं बैठक में, स्थायी समिति और अधिकांश सदस्य देशों ने भारत के रुख का समर्थन किया। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि वनतारा द्वारा जानवरों के आयात के संबंध में भारत के खिलाफ कोई कार्रवाई करने का कोई आधार या सबूत नहीं है।
●कानूनी और पारदर्शी संचालन- CITES सचिवालय ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि वनतारा पूरी तरह से कानूनी, पारदर्शी और विज्ञान-आधारित मॉडल पर काम करता है। रिपोर्ट में किसी भी अवैध आयात, व्यावसायिक प्रजनन, या लाभ के लिए जानवरों के शोषण का कोई संकेत नहीं मिला है।
●विश्व स्तरीय देखभाल- CITES की टीम ने सितंबर 2025 में वनतारा का दौरा किया था और अपनी जांच में पाया कि यहां की सुविधाएं, पशु चिकित्सा प्रणाली और बचाव कार्य “अत्यंत उच्च मानकों” के अनुरूप हैं। इसे आधुनिक बुनियादी ढांचे और उन्नत पशु चिकित्सा देखभाल वाला संस्थान बताया गया है, जो वैश्विक मानकों को पूरा करता है।
भ्रामक खबरों पर विराम
वनतारा, जो रिलायंस फाउंडेशन की पहल है और अनंत अंबानी के नेतृत्व में संचालित होता है, को कुछ वर्गों द्वारा आलोचना और भ्रामक आख्यानों का सामना करना पड़ा था। CITES की यह मान्यता इन सभी अफवाहों पर विराम लगाती है। रिपोर्ट में विशेष रूप से उल्लेख किया गया है कि पारदर्शिता की कमी के चलते कैमरून से चिंपांज़ी का आयात रद्द कर दिया गया था, जो वनतारा के नैतिक मानकों को दर्शाता है।
सुप्रीम कोर्ट की SIT जांच से पुष्टि
अंतरराष्ट्रीय मान्यता से पहले, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त एक विशेष जांच दल (SIT) ने भी वनतारा की विस्तृत जांच की थी। SIT ने भी पाया था कि सभी आरोप निराधार हैं और जानवर वैध परमिट के तहत, गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए लाए गए थे।
भारत के लिए गौरव
CITES की यह घोषणा न केवल वनतारा के काम की सराहना है, बल्कि यह भारत के वन्यजीव संरक्षण ढांचे में वैश्विक विश्वास को भी मजबूत करती है। यह दर्शाता है कि भारत का वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 CITES की सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है और देश के पर्यावरण कानून सबसे मजबूत वैश्विक कानूनों में से हैं।
वनतारा का लक्ष्य भविष्य में जानवरों को उनके प्राकृतिक आवासों में फिर से छोड़ने की सुविधा देना है, और यह ग्लोबल ह्यूमेन सर्टिफाइड™ मान्यता प्राप्त करने वाला दुनिया के कुछ चुनिंदा केंद्रों में से एक है। इस वैश्विक समर्थन के साथ, वनतारा भारत के संरक्षण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गया है।
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