नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रसिद्ध हौज खास स्थित ए. एन. झा डियर पार्क के प्रबंधन और वहाँ हिरणों की अत्यधिक संख्या को लेकर चल रहे विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण और संबंधित अधिकारियों को पार्क में बचे हुए हिरणों को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने से रोक लगा दी है।
इसके साथ ही, शीर्ष अदालत ने सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी को पार्क का जमीनी सर्वेक्षण करने और उसकी वास्तविक वहन क्षमता का पता लगाने का निर्देश दिया है।
क्या है पूरा मामला
हौज खास डियर पार्क जिसे आमतौर पर ‘डियर पार्क’ के नाम से जाना जाता है, जो लंबे समय से एक विवाद के कारण चर्चा में है।
मामला तब से शुरू हुआ जब दिल्ली हाई कोर्ट ने पार्क को स्थायी रूप से बंद करने और हिरणों को कहीं और स्थानांतरित करने का निर्देश दिया, क्योंकि इसे केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) द्वारा ‘मिनी जू’ की मान्यता नहीं मिली थी।
डीडीए ने भी इस फैसले का समर्थन किया था और लगभग 600 हिरणों को राजस्थान और असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य सहित अन्य स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया शुरू की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाया स्थानांतरण पर रोक
30 अप्रैल 2025 को जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने एक अंतरिम आदेश पारित किया, जिसमें हिरणों के स्थानांतरण पर रोक लगा दी गई। यह आदेश ‘न्यू दिल्ली नेचर सोसाइटी’ नामक एक गैर-सरकारी संगठन द्वारा दायर याचिका पर आया, जिसने तर्क दिया था कि हिरणों के स्थानांतरण के दौरान उचित प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है।
हाल ही में 26 और 27 नवंबर 2025 को हुई सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि पहले स्थानांतरित किए गए 261 हिरणों को लेकर CZA और IUCN के दिशानिर्देशों और सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन नहीं किया गया था। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि प्री-ट्रांसलोकेशन जेनेटिक स्क्रीनिंग, टैगिंग, पशु चिकित्सा प्रमाणन, या व्यवहारिक अनुकूलन का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं था।
कोर्ट ने सर्वेक्षण का दिया आदेश
न्यायालय ने डीडीए को निर्देश दिया है कि फिलहाल हिरणों की उचित देखभाल सुनिश्चित की जाए और पार्क में किसी भी व्यावसायिक गतिविधि पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
साथ ही कोर्ट ने सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी से एक व्यापक रिपोर्ट मांगी है, जिसमे पार्क में हिरणों की वर्तमान संख्या और स्वास्थ्य स्थिति, बाड़े की वास्तविक वहन क्षमता, और भविष्य में प्रबंधन के लिए आवश्यक पशु चिकित्सा जैसी प्रमुख बिन्दुओ शामिल हो।
अब आगे CEC की रिपोर्ट इस मामले में आगे की दिशा तय करेगी, जिससे यह स्पष्ट होगा कि क्या पार्क में हिरणों को स्थायी रूप से रखा जाएगा या उनका भविष्य में सुरक्षित रूप से स्थानांतरण किया जाएगा।
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