अब कर्नाटक के टाइगर रिज़र्व में वन्यजीव अपराधों से लड़ेंगें ‘सुपर स्निफर्स’

मैसूरु (कर्नाटक)

कर्नाटक सरकार ने वन्यजीव संरक्षण प्रयासों के तहत, राज्य भर के पाँच प्रमुख टाइगर रिज़र्व में वन्यजीव अपराधों का पता लगाने और उनसे लड़ने के लिए 10 प्रशिक्षित खोजी कुत्तों की एक टुकड़ी को शामिल किया है। एक साल के गहन प्रशिक्षण के बाद इन “सुपर स्निफर्स” की तैनाती, शिकार और अवैध कटाई जैसी गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए वन विभाग की क्षमताओं को काफी मजबूत करेगी।

एक साल का दिया गया है प्रशिक्षण

यह पहल कर्नाटक वन विभाग द्वारा बांदीपुर टाइगर रिज़र्व में स्थापित देश के पहले ‘वाइल्डलाइफ स्निफर एंड ऑफ़फेंस ट्रैकिंग डॉग ट्रेनिंग सेंटर’ का परिणाम है। इस केंद्र का उद्देश्य राज्य के भीतर ही एक स्वतंत्र और मजबूत ट्रैकर डॉग स्क्वाड बनाना है। इन 10 कुत्तों, जो बेल्जियम मैलिनोइस नस्ल के हैं, को एक वर्ष का कठोर प्रशिक्षण दिया गया है।

प्रशिक्षण में कुत्तों को वन्यजीव उत्पादों, जैसे बाघ की खाल, हाथी दांत और अन्य वन्यजीव अवशेषों को सूंघने के अलावा, जंगल में अपराधियों के पैरों के निशान को ट्रैक करने के लिए भी प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षण 1 दिसंबर, 2025 को पूरा हुआ, जिसके बाद इन्हें तैनाती के लिए तैयार घोषित किया गया।

इन पाँच टाइगर रिज़र्व में की जाएगी तैनाती

इन 10 खोजी कुत्तों को राज्य के पाँच टाइगर रिज़र्व में तैनात किया जाएगा, प्रत्येक रिज़र्व को दो कुत्ते मिलेंगे-

1- बांदीपुर टाइगर रिज़र्व

2- नागरहोल टाइगर रिज़र्व

3- भद्रा टाइगर रिज़र्व

4- बिलीगिरी रंगनाथस्वामी मंदिर टाइगर रिज़र्व

5- काली टाइगर रिज़र्व

प्रत्येक कुत्ते के साथ दो प्रशिक्षित हैंडलर भी होंगे, जिससे कुल 20 कर्मियों को इस विशेष कार्य के लिए तैयार किया गया है।

महत्व और प्रभाव

वन्यजीव अपराधों का पता लगाने में खोजी कुत्तों की उपयोगिता पहले भी साबित हो चुकी है। बांदीपुर के पूर्व स्निफर डॉग ‘राणा’ ने अपने आठ साल के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाने में मदद की थी। यह नई टुकड़ी न केवल शिकारियों को पकड़ने में मदद करेगी बल्कि अवैध लकड़ी कटाई और मानव-वन्यजीव संघर्ष से जुड़े मामलों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इस स्वदेशी प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना कर्नाटक को देश में अपने तरह का पहला राज्य बनाती है, जो वन्यजीव संरक्षण के लिए अपनी खुद की विशेषज्ञ कुत्ता टीम तैयार कर रहा है, जिससे भविष्य में भी इस तरह की टीमों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

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The Forest Times
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