दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर बना एशिया का सबसे लंबा वन्यजीव गलियारा

देहरादून (उत्तराखंड)

भारत ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जिसके तहत दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर एशिया का सबसे लंबा, 12 से 14 किलोमीटर का एलिवेटेड वन्यजीव गलियारा बनाया गया है। यह अनूठी परियोजना आधुनिक इंजीनियरिंग और वन्यजीव संरक्षण का एक बेहतरीन संगम है, जिसका उद्देश्य व्यस्त राजमार्ग के कारण मानव-पशु संघर्ष को कम करना और जानवरों के लिए एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करना है।

परियोजना का विवरण

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा निर्मित यह गलियारा मुख्य रूप से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान और शिवालिक रिजर्व फॉरेस्ट के वन क्षेत्रों से होकर गुजरता है। इस पहल ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के वन क्षेत्रों के बीच वन्यजीवों की निर्बाध आवाजाही की गारंटी दी है।

इस गलियारे में कई पशु अंडरपास और 340 मीटर लंबी सुरंगें शामिल हैं, जिन्हें विशेष रूप से हाथियों और अन्य जंगली जानवरों के सुरक्षित आवागमन के लिए डिज़ाइन किया गया है। गलियारे की एलिवेटेड संरचना, जिसके नीचे घना जंगल बरकरार रखा गया है, यह सुनिश्चित करती है कि जानवरों की प्राकृतिक जीवनशैली और प्रवास मार्ग कम से कम प्रभावित हों।

मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में सहायक

यह क्षेत्र हाथियों की एक बड़ी आबादी का घर है, जिसके कारण अक्सर मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की स्थिति उत्पन्न होती थी। इस समर्पित गलियारे के निर्माण से सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली पशु मौतों को कम करने और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में मदद मिलेगी।

आधुनिक इंजीनियरिंग का चमत्कार

210 किलोमीटर लंबा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे छह से 12 लेन तक विस्तृत है और इसे चार चरणों में बनाया जा रहा है। वन्यजीव गलियारे वाला खंड इस एक्सप्रेसवे की एक प्रमुख विशेषता है, जो यह दर्शाता है कि विकास और पर्यावरण एक साथ चल सकते हैं। इस परियोजना को भविष्य के राजमार्गों के लिए एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है।यह पहल भारत की उभरती प्राथमिकताओं का प्रतीक है, जहां बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ प्राकृतिक विरासत का संरक्षण

Author Profile

The Forest Times
The Forest Times

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top