भोपाल (मध्य प्रदेश)
अगर आप भी जंगल सफारी के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर फोटो और रीलस बनाने के शौकीन हैं, तो जरा संभल जाइए वरना पकड़े जाने पर भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। वन्यजीवो की सुरक्षा और संरक्षण को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने एक अहम फैसला लिया है, जिसके तहत आज से प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी के दौरान मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया हैं। वहीं फैसले का उलंघन करने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
क्यों लिया गया यह महत्वपूर्ण निर्णय
यह महत्वपूर्ण निर्णय वन्यजीवो की सुरक्षा टाइगर रिजर्व के शांत वातावरण को बनाए रखे जाने को मद्देनजर रखकर लिया गया है। यह निर्णय 16 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद लिया गया है, जिसमें कोर्ट ने सभी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्रों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश था। यह फैसला प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व जैसे कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना, पेंच और सतपुड़ा के कोर क्षेत्रों में प्रभावी रहेगा।
जानवरों में तनाव पैदा करता है मोबाइल फोन
यह अहम फैसला टाइगर रिजर्व के वन्यजीवो की सुरक्षा और संरक्षण को ध्यान में रखकर लिया गया है। वन्यजीव विशेषज्ञो का मानना है कि मोबाइल फोन के उपयोग से जानवरों का व्यवहार प्रभावित होता है, जिससे वे चिड़चिड़े हो जाते है, जिससे उनमें मानसिक तनाव पैदा होता है। मोबाइल फोन की रिंगटोन और फ्लैश लाइट से वन्यजीव विचलित हो जाते है, जिससे कभी-कभार तो वे पर्यटकों पर हमला भी कर देते हैं।
वहीं अक्सर मोबाइल फोन के शौकीन लोग फोटोस और विडियोस लेने के चक्कर में सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करते हैं। यहां तक की कुछ लोग रीलस बनाने के चक्कर में लोग जानवरों के बिल्कुल करीब तक चलें जाते, जिससे शिकार करने वाले वन्यजीव विचलित हो जाते है और कभी-कभार तो मौका मिलने पर उनपर जानलेवा हमला भी कर देते हैं। इन्हीं सब मुख्य कारणो को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार ने यह अहम फैसला लिया है।

नियम का उलंघन करने पर लगेगा भारी जुर्माना
पर्यटकों को इस निर्णय को सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा। वन विभाग प्रशासन द्वारा प्रवेश द्वारों पर मोबाइल फोन जमा करने का खास इंतजाम किया जाएगा। टाइगर सफारी में आए पर्यटकों को सफारी पर जाने से पहले अपने मोबाइल फोन प्रवेश द्वार पर जमा करना होंगा, या जिप्सी में मौजूद गाइड के पास रखना होंगा। वही इस नियम का उलंघन करने पर ₹5000 रूपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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