काठमांडू(नेपाल)
पहले श्रीलंका, फिर बांग्लादेश और अब नेपाल सबकी सरकार का एक ही पैटर्न पर तख़्तापलट! 26 सोशल मीडिया एप्स के बैन होने से लगी चिंगारी ने कब एक विकराल आग का रूप लेकर सरकार को ही जला डाला इसका अंदाजा भी नही लगाया जा सकता था। विरोधकर्मियों ने संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट जैसे संवैधानिक संस्थानों को आग के हवाले कर दिया और साथ ही साथ कई नेताओं के घरों को भी जला डाला। हालात इतने बिगड़ गए कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सहित कई मंत्रियों ने देश छोड़ दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार अभी तक 34 की मौत और 1000 से अधिक लोग घायल हुए है।
क्या है घटना की पृष्ठभूमि
बीते शुक्रवार को नेपाल के प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा फेसबुक, वॉट्सअप और एक्स सहित 26 सोशल मीडिया एप्स पर बैन लगा दिया गया। जिसके विरोध मे 16 से 26 साल के युवा प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारी शुरू मे तो प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे थे लेकिन यह मांग धीरे-धीरे प्रधान मंत्री के इस्तीफे तक पहुंच गई और स्तिथि इतनी खराब हो गई कि अंत मे प्रधान मंत्री को पद से इस्तीफा देना पड़ा और उनकी सरकार गिर गई।
क्यों लगाया सरकार ने एप्स पर प्रतिबंध
नेपाल सरकार ने उन एप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया, जोकि सरकार द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों के तहत पंजीकरण कराने की सीमा से चुक गए थे। सरकार के अनुसार ये दिशा-निर्देश उन गैर-पंजीकृत सोशल मीडिया एप्स को निष्क्रिय करने का था जो सोशल मीडिया पर घृणास्पद भाषण, फर्जी समाचार और धोखाधड़ी फैलाने का काम कर रहे थे। यह उनके द्वारा फर्जी आईडी और एकाउंटस् पर कार्रवाई करने का तरीका था।

क्या है हिंसा के पीछे की असली वजह ?
सोशल मीडिया बैन तो सिर्फ एक चिंगारी थी, मुख्य कारण नही!!! असली वजह रही भष्टाचार, बेरोजगारी और नेपोटिज्म।
●प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया पर ‘नेपो किड’ को ट्रेंड किया, जिसमे वे राजनेताओं के बच्चों की संपत्ति और लग्जरी जीवनशैली के दिखावे से आक्रोशित थे।
●दूसरी वजह रही बेरोजगारी- देश मे पर्याप्त नौकरी न होने के कारण हर दिन 1000-1500 नेपाली युवा दूसरे देश नौकरी के लिए जाते है जिससे युवा वर्ग नाराज थे।
●तीसरी वजह रही भष्टाचार- युवाओ के अनुसार राजनेताओं के पास उनकी आय से कई गुना अधिक संपत्ति कैसे आई।
●चौथी वजह रही सोशल मीडिया एप्स पर बैन- नेपाल की एक तिहाई आबादी विदेशों मे रहती है और सोशल मीडिया के जरिए ही अपने परिवार से जुड़ी रहती है। कई लोग अपनी आजीविका के लिए भी सोशल मीडिया पर निर्भर है। सरकार द्वारा अचानक से उन एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो गया।
क्या है वर्तमान स्थित
‘जेन-जी’ के विरोध प्रदर्शन से देश के हालात इतने बिगड़ गए कि प्रधान मंत्री के साथ-साथ कई नेताओ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पूरे देश मे कर्फ्यू लगा दिया गया, वही हालात को काबू में लाने के लिए सेना सड़कों पर उतर गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पर्यटन स्थलो को बंद कर दिया गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान 1500 से अधिक कैदी भी जेल से बाहर आ गए।
प्रधान मंत्री की बागडोर आगे कौन संभालेगा अभी इसका निर्णय नही लिया गया है। हालांकि सभी सोशल मीडिया एप्स से प्रतिबंध हटा दिया गया है और देश मे शाति फैलाने की कोशिश की जा रही है।
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