गोपालगंज(बिहार)
बिहार के गोपालगंज जिले मे पर्यावरण संरक्षण और हरित क्रांति के महत्व को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डा. सुनिल कुमार द्वारा ‘थावे नगर वन पार्क’ का भव्य उद्घाटन किया गया। माननीय मंत्री ने इस अवसर पर ब्रह्म वृक्षरोपण भी किया और जनता को स्वच्छ, हरित व जैव विविधता से भरपूर वातावरण का संदेश दिया गया।
इस मौके पर पौधा बिक्री केंद्र का भी उद्घाटन किया गया ताकि हर कोई अपने घर में हरियाली बढ़ा सके। इसके साथ ही जीविका दीदीयों, किसानों और वनकर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
0.5 हेक्टेयर के क्षेत्र में स्थित है पार्क
नगर वन योजना के तहत विकसित यह पार्क 0.5 हेक्टेयर के क्षेत्र में स्थित है। गोपालगंज जिले के कुल क्षेत्रफल का केवल 0.5% भाग (20.53 वर्ग किमी) ही हरा-भरा है, जोकि बहुत कम है। जिले मे हरित आवरण को बढाने के क्रम मे ही वन पार्क का निर्माण किया गया है।

प्रसिद्ध ‘थावे दुर्गा मंदिर’ मे की पूजा अर्चना
इस अवसर पर उन्होनें गोपालगंज जिले के प्राचीन, शक्तिशाली व प्रसिद्ध ‘थावे दुर्गा मंदिर’ में जाकर माता रानी की पूजा-अर्चना की और देवी मां से प्रार्थना किया कि वे हमारे भारत के वीर जवानों को शौर्य, साहस एवं पराक्रम की शक्ति दें।
ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर में मां भवानी का दर्शन करने के लिए दूर दराज से लोग आते हैं, मंदिर की महत्ता को देखते हुए ही पर्यटन विभाग द्वारा इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया था। मंदिर के ही दूसरे भाग में, वन पार्क का निर्माण किया गया है।

‘इको फ्रेंडली काम – एक घंटा पर्यावरण के नाम’
माननीय मंत्री ने ‘इको फ्रेंडली काम-एक घंटा पर्यावरण के नाम’ अभियान को गति देने के उद्देश्य से थावे नगर वन पार्क में ब्रह्म वृक्षरोपण किया। ब्रह्म वृक्ष की विशेषता है कि इसमें पीपल, बरगद, पाकर, और गुलर वृक्ष का रोपण एक विशेष पैटर्न में किया जाता है, जिसके बीच में तुलसी का पौधा रखा जाता है। ऐसी धारणा है कि ब्रह्म वृक्ष की छाया में बैठने से दिव्य औषधीय गुणों का लाभ मिलता है और यह पर्यावरण तथा आध्यात्मिक उर्जा का स्रोत बनता है।
इस अवसर पर वनों के क्षेत्र पदाधिकारी, महाराजगंज वन प्रक्षेत्र मंजू पांडे, गोपालगंज एवं हथुआ वन प्रक्षेत्र राजकुमार प्रसाद, सीवान वन प्रक्षेत्र हिमांशु शेखर,गोपालगंज वन प्रमंडल के सभी वनपाल, वनरक्षक एवं अन्य वनकर्मी उपस्थित रहे।
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