‘विश्व राइनो दिवस’ 2025: गैंडों के अस्तित्व का दिन

हर साल 22 सितंबर को दुनिया भर में ‘विश्व राइनो दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन गैंडों के संरक्षण और उनकें अस्तित्व को बचाने के प्रति जागरूकता फैलानें के लिए समर्पित हैं। इसकी शुरुआत सबसे पहले 2010 में WWF-दक्षिण अफ्रीका द्वारा की गई थी और तब से यह एक वैश्विक आंदोलन बन गया।

विश्व स्तर पर गैंडे की 5 प्रजाति पाई जाती है- सफेद गैंडा, काला गैंडा, बड़ा एक सींग वाला गैंडा(भारतीय गैंडा), जावन गैंडा और सुमात्रा गैंडा। गैंडे पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये शाकाहारी होते हैं और मुख्यत: घास, पत्ते, फल एवं जलीय पौधों का आहार लेते हैं।

गैंडों के बारे में रोचक तथ्य

अलग-अलग प्रजातियों के सींग- गैंडों की पाँच प्रजातियाँ होती हैं, जिनमें से भारतीय और जावन गैंडों का एक सींग होता है; जबकि सफेद, काले और सुमात्रा गैंडों के दो सींग होते हैं।

विशालकाय आकार– सफेद गैंडा दुनिया के सबसे बड़े स्थलीय स्तनधारियों जानवरों में से एक है, जिसका वजन 2,500 किलोग्राम तक होता हैं।

कमजोर नजर पर मजबूत सूंघने की शक्ति- गैंडों की नजर बेहद कमजोर होती है वे 30 मीटर से अधिक दूर खड़े किसी व्यक्ति को मुश्किल से ही देख पाते हैं। लेकिन उनकी सूंघने और सुनने की क्षमता बहुत तेज होती हैं, वे अपनी मजबूत सूंघने की शक्ति पर भरोसा करते हैं।

बुलेटप्रूफ की तरह काम करती है त्वचा– गैंडें की त्वचा बेहद मोटी होती है, जो 2 इंच तक होती है। यह उन्हें शिकारियों से बचाती हैं।

बाल से बना होता है सींग- गैंडों का सींग हड्डी का नहीं, बल्कि केराटिन का बनी होती हैं। केराटिन वही प्रोटीन है जिससे हमारे बाल और नाखून बने होते हैं। अगर सींग टूट जाए, तो वह दोबारा उग सकती है।

कीचड़ में स्नान- गैंडें धूप और कीड़ों से बचने के लिए कीचड़ में लोटना पसंद करतें हैं। कीचड़ उनके शरीर को ठंडा भी रखता है।

लाल पसीना आता- गैंडों को लाल रंग का पसीना आता, जो खून जैसा दिखता है।

क्यों मनाया जाता हैं ‘विश्व राइनो दिवस’

हर साल ‘विश्व राइनो दिवस’ गैंडों के संरक्षण, उनके अवैध शिकार और अवैध व्यापार से होने वाले खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता हैं। इसका उद्देश्य विश्व मे जीवित बची पांच गैंडा प्रजातियों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करना तथा उनके अस्तित्व को बचाना का प्रयास करना हैं। गैंडें हमारी पारिस्थितिकी तंत्र का अहम हिस्सा होते हैं, और अपने खूबसूरत रूप के कारण लोगो को बहुत आकर्षित करतें हैं। मुख्य रूप से गैंडे अफ्रिका में सबसे अधिक पाए जाते हैं।

भारत में गैंडों की स्थिति

बड़ा एक सींग वाला गैंडा (राइनोसेरस यूनिकॉर्निस) पांच गैंडा प्रजातियों में सबसे बड़ा है, और भारत में पाया जाने वाला एकमात्र गैंडा है। मुख्यत: भारत के असम, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में गैंडो को पाया जाता हैं। अंतर्राष्ट्रीय राइनो फाउंडेशन के अनुसार भारत में 3700 से अधिक भारतीय गैंडे हैं, जिनमे से असम राज्य का काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान 90% गैंडे भारतीय गैंडों का घर है। भारत मे गैंडे मुख्य रूप से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, मानस राष्ट्रीय उद्यान, पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य और ओरंग राष्ट्रीय उद्यान मे पाए जाते हैं।

भारत मे ‘प्रोजेक्ट राइनो’ गैंडों का संरक्षण, उनकी सुरक्षा और उनके अवैध शिकार से निपटने के उद्देश्य से चलाया जाता हैं। भारत मे गैंडों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 में रखा गया, जो देश में वन्यजीवों को उच्चतम कानूनी संरक्षण प्रदान करता है। भारत मे गैंडो की संख्या आईयूसीएन के अनुसार रेड लिस्ट मे है यानि देश में गैंडों की संख्या सामान्य से भी कम है और इनपर खतरे का उच्च जोखिम है, जो बेहद संवेदनशील हैं।

क्यों जरूरी हैं गैंडों का संरक्षण

एक दशक था जब गैंडें विलुप्त होने की कगार पर थे, पर विभिन्न संरक्षण पहलों की मदद से उनकी सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी ली गई और परिणामस्वरूप आज दुनिया भर में विभिन्न प्रजातियों को मिलाकर लगभग 27,000 गैंडें हैं, और उसकी जनसंख्या मे निरंतर बढोत्तरी भी देखने को मिल रही हैं। गैंडों का संरक्षण क्यों जरूरी है-

जैव विविधता का संरक्षण: हर प्रजाति पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। गैंडों के संरक्षण से जैव विविधता बनी रहती है, जिससे पर्यावरण स्वस्थ रहता है।

पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखना: गैंडों की भूमिका से जंगल और घास के मैदानों में संतुलन बना रहता है। उनके चरने से घास के मैदान पनपते हैं, जो कई अन्य जीवों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

प्राकृतिक विरासत की रक्षा: गैंडे लाखों साल से पृथ्वी पर मौजूद हैं। इन्हें बचाना हमारी प्राकृतिक विरासत को सुरक्षित रखने का एक तरीका है, जिसे हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए सहेजना चाहिए।

अवैध शिकार और तस्करी रोकना: गैंडों के सींगों के लिए उनका बड़े पैमाने पर अवैध शिकार किया जाता है। संरक्षण प्रयासों से इस अवैध व्यापार पर रोक लगती है और इन दुर्लभ जीवों को बचाया जा सकता है।

आर्थिक और पर्यटन महत्व: गैंडे एक महत्वपूर्ण पर्यटन आकर्षण हैं। उनके संरक्षण से पर्यटन बढ़ता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होता है।

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The Forest Times
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