पणजी (गोवा)
पिछले कुछ दिनों से गोवा-महाराष्ट्र सीमावर्ती क्षेत्रों में 10 वर्षीय जंगली हाथी ‘ओंकार’ ने वन विभाग और किसानों के नाक में दम कर रखा हैं। अपने झुंड से बिछड़ा यह हाथी लगातार गोवा के पेरनेम तालुका के कई गावों मे भीषण तबाही मचा रहा हैं, जिससे फसलों को काफी नुकसान हो रहा हैं। उसे सुरक्षित उसके प्राकृतिक आवास में भेजने के लिए गोवा और कर्नाटक सरकार के वन विभाग मिलकर प्रयास कर रहे हैं।
अपनी झुंड से बिछड़ गया हैं ‘ओंकार’
हाथी ‘ओंकार’ अंतिम बार अपनी झुंड के साथ महाराष्ट्र के तिलारी क्षेत्र में देखा गया हैं। किन्ही कारणों से वह अपने झुंड से बिछड़ गया और तबसे अपने अन्य साथियों की तलाश में इधर-उधर भटक रहा हैं। सितंबर को वह कदशी नदी पार कर महाराष्ट्र के दोडामर्ग तालुका से गोवा के मोपा गांव में घुस गया। इसके बाद उसे पेरनेम के तंबोस और तोरसे जैसे गांवों में देखा जा रहा हैं, जहां वह जम के उत्पात मचा रहा हैं। गोवा और महाराष्ट्र सरकार की उसको पकड़ने के सभी तरीके विफल हों रहें है और परिणामस्वरूप ‘ओंकार’ अभी तक पकड़ा नही जा सका। ‘ओंकार’ के झुंड में ‘गणेश’ और ‘बाहुबली’ जैसे हाथी शामिल हैं, और अभी वे महाराष्ट्र के दोडामर्ग के जंगल में मौजूद हैं।

फसलों का कर रहा हैं भारी नुकसान
‘ओंकार’ के गांवों में घुसने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। वह केले, सुपारी, नारियल और धान की फसलों को रौंद कर खा रहा हैं। तंबोस गांव के किसानों का कहना है कि हाथी अक्सर देर रात खेतों में घुसकर उनकी फसलों को बर्बाद कर देता है, और फिर सुबह घनी घास में छिप जाता है। अपनी फसलों के नुकसान से किसान आक्रोशित हैं और वे वन विभाग से हाथी को तुरंत गांव से हटाने की मांग कर रहें हैं। राज्य सरकार ने किसानों को उनकी फसल नुकसान का मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
वन विभाग कर रहा ओंकार को पकड़ने की पूरी कोशिश
वन विभाग की टीमें पिछले कई दिनों से ‘ओंकार’ को सकुशल पकड़ने की कोशिश कर रहें हैं, पर उनकी हर कोशिश नाकाम साबित हो रही हैं। विभाग की टीमें लगातार हाथी की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। ड्रोन कैमरों की मदद से भी हाथी को ट्रैक किया जा रहा हैं।
वन विभाग ने ग्रामीणों को हाथी के नजदीक न जाने और उसे परेशान न करने की अपील की है, ताकि वह आक्रामक न हो। उनका कहना हैं कि शोर-शराबे से हाथी और भी ज्यादा उत्तेजित हो सकता है।
गोवा ने कर्नाटक सरकार से मांगी है मदद
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गोवा के वन मंत्री विश्वजीत राणे ने कर्नाटक के अधिकारियों से ओंकार को पकड़ने की मदद मांगी हैं। 20 सितंबर को दोनों राज्यों ने संयुक्त रूप से हाथी को पकडकर उसके निवास स्थान और उसके झुंड के पास भेजने पर सहमति जताई है।
ओंकार को उसके प्राकृतिक पर्यावास में वापस भेजने के लिए 14 दिनों के भीतर योजना बनाने का निर्णय लिया गया है। वन विभाग ने यह भी बताया है कि ओंकार के झुंड के अन्य सदस्य, जिनमें गणेश और बाहुबली हाथी शामिल हैं, अभी भी महाराष्ट्र के दोडामर्ग के जंगलों में घूम रहे हैं।
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