इंदौर (मध्य प्रदेश)
अपने बाघ और चीतों के लिए प्रसिद्ध मध्य प्रदेश, अब जल्द ही कूछ नए खास मेहमानों का स्वागत करने वाला हैं। पशु विनिमय कार्यक्रम के तर्ज पर जल्द ही कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय (इंदौर जू) को कुछ नए वन्यजीव मिलने वाले है। अब वो दिन दूर नही जब अन्य वन्यजीवों के साथ-साथ जंगली भैंस (बायसन) और शुतुरमुर्ग भी इंदौर जू की शोभा बढ़ाएंगे, जिसके साथ इंदौर प्रदेश का पहला जू होगा जिसमें जंगली भैंस(बायसन) देखने को मिलेंगे। हालांकि इंदौर जू मे पहले से ही शुतुरमुर्ग मौजूद हैं।
कर्नाटक से आ रहे हैं नए मेहनत
यह फैसला पशु विनिमय कार्यक्रम (एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम) के तहत हो रहा है, जिसमें वन्यजीवों का एक जगह से दूसरी जगह आदान-प्रदान किया जाता हैं जिसमें विभिन्न प्राणी उद्यानों की पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित रखा जा सके। इस विनिमय का उद्देश्य चिड़ियाघर में जानवरों की विविधता और आकर्षण को बढ़ाना है। इसी तर्ज पर कर्नाटक के सोमको चिड़ियाघर से 4 जंगली भैंसों (बायसन) के दो जोड़े और 4 शुतुरमुर्ग को इंदौर जू लाया जाएगा और बदले मे यहां शेर के एक जोड़े को कर्नाटक चिड़ियाघर भेजा जाएगा।
अपनी सींग के लिए प्रसिद्ध होते हैं जंगली भैंस(बायसन)
जंगली भैंस मुख्य रूप से भारत और उससे सटे देशों मे पाए जाते हैं। इनका वजन 500 से 1200 किलोग्राम तक होता है, और ये अपने विशाल घुमावदार सींगों के लिए जाने जाते हैं। आईयूसीएन ने इन्हें लाल सूची मे रखा है, यानि सही संरक्षण और प्रजनन न होने की वजह से ये लुप्त होने के कगार पर हैं। ये आमतौर पर झूंड में चलना पसंद करते है जिनका नेतृत्व मादा जंगली भैंस करती है। पहली बार ये जल्द ही इंदौर जू मे देखने को मिलेंगे।

28 तक आ जाएंगे ये सभी मेहमान
इंदौर जू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि वन्यजीवों के आदान-प्रदान की सारी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं और संभव है कि नए वन्यजीवों को 28 सितंबर तक इंदौर जू मे ला दिया जाएगा। इन जानवरों को एक विशेष वाहन से कर्नाटक से इंदौर लाया जाएगा, जिससे उन्हें किसी प्रकार की तकनीक न हो सके। यहां लाने के कुछ दिनों तक उन्हे विशेषज्ञों की नजर मे रखकर उनकी गतिविधियों पर ध्यान दिया जाएगा, सब कुछ सामान्य होने पर उन्हें पूर्ण रुप से जू मे शामिल कर लिया जाएगा।
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