जम्मू
जैवविविधता संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों व समाधानों पर केंद्रित दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ आज जम्मू विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में हुआ। सम्मेलन का विषय “Biodiversity and Climate Change: Challenges and Solutions” रखा गया है, जिसमें देशभर से वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, शोधार्थी और छात्र भाग ले रहे हैं।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (BSI) के निदेशक डॉ. कनाड दास मू्ख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमेश राय ने की।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रो. उमेश राय ने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न स्थानीय एवं क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने के लिए विविध वैज्ञानिक विषयों के एकीकरण पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि अंतरविषयक दृष्टिकोण अपनाए बिना टिकाऊ और समुदाय-केंद्रित समाधान संभव नहीं हैं।
मुख्य अतिथि डॉ. कनाड दास ने भारत की समृद्ध वनस्पति विविधता पर प्रकाश डालते हुए बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित ‘फ्लोरा ऑफ इंडिया’ का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि अब तक इसके 26 खंड प्रकाशित हो चुके हैं और कुल 32 खंड प्रस्तावित हैं, जिनमें से 6 खंड वर्तमान में प्रगति पर हैं। यह परियोजना भारत की जैवविविधता के दस्तावेजीकरण में एक ऐतिहासिक पहल है।
कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष प्रो. सुशील वर्मा के स्वागत भाषण से हुई। डॉ. सिकंदर पाल, आयोजन सचिव, ने सम्मेलन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए इसके उद्देश्य, विषयवस्तु और अपेक्षित परिणामों की जानकारी दी। डॉ. गीता शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन डॉ. रोमिका द्वारा किया गया।
सम्मेलन के दौरान तकनीकी सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें जैवविविधता संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव तथा अनुकूलन रणनीतियों पर गहन चर्चा होगी।इस अवसर पर प्रो. टी. एन. लखन पाल (शिमला), डॉ. संजीव नायक (एनबीआरआई, लखनऊ), डॉ. अरुण आर्य (यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा), डॉ. अमित चावला (आईएचबीटी, पालमपुर) सहित कई प्रतिष्ठित शिक्षाविद् उपस्थित रहे। इसके अलावा जम्मू विश्वविद्यालय के जीवन विज्ञान संकाय के अनेक प्रोफेसर, शोधार्थी और छात्र भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
यह सम्मेलन पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान हेतु वैज्ञानिक विमर्श और नीति-उन्मुख सुझावों का एक महत्वपूर्ण मंच साबित होने की उम्मीद है।
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